NEET UG Exam Case : नीट यूजी यानी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) में इंदौर और उज्जैन के कई केंद्रों पर बारिश के दौरान बिजली गुल होने से अव्यवस्था फैल गई थी। 4 मई को हुई परीक्षा के दौरान करीब 2000 छात्र प्रभावित हुए। इसको लेकर अब तक करीब 60 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि जिन छात्रों की परीक्षा बाधित हुई, उन्हें दोबारा मौका मिलना चाहिए।
बिजली गुल से NEET UG परीक्षा प्रभावित
NEET UG 2025 की परीक्षा में बिजली गुल होने के मामले में लगी याचिका पर सोमवार 9 जून को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत में विस्तृत बहस हुई जिसमें दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। NTA (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) की ओर से तर्क दिया गया कि जिन परीक्षा सेंटर्स में बिजली गुल हुई थी, वहां पावर बैकअप की पूरी व्यवस्था थी। बता दें, NEET UG का रिजल्ट 14 जून को आना संभावित है।
NTA के ऑब्जर्वर की रिपोर्ट का हवाला
याचिकाकर्ताओं के वकील मृदुल भटनागर ने अदालत में NTA के ही एक ऑब्जर्वर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि कई केंद्रों पर पावर बैकअप उपलब्ध नहीं था। CCTV फुटेज और ग्राउंड रिपोर्ट भी पावर फेल्योर की पुष्टि करती हैं।
अब कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 16 जून 2024 तय की है, जहां इस मुद्दे पर फैसला आने की संभावना है। इससे पहले, 5 जून को इस मामले की सुनवाई हुई थी, लेकिन गहराई से बहस नहीं हो सकी।
CCTV फुटेज की मांग
दरअसल, याचिकाकर्ता छात्रों के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने आवेदन लगाकर हाईकोर्ट से NEET UG के रिजल्ट की तारीख आगे बढ़ाने और आंधी, बारिश के कारण बिजली गुल होने के CCTV फुटेज उपलब्ध कराने की मांग की थी।
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NTA ने दिया था यह तर्क
इसस पहले 26 मई को हुई सुनवाई में NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में वर्चुअल जुड़ते हुए कहा था कि परीक्षा “शांतिपूर्ण और व्यवस्थित” ढंग से कराई गई। वकील भटनागर ने याचिकाकर्ताओं की ओर से रिजाइंडर पेश किया था। इस सुनवाई से पहले NTA ने कहा था कि अब एक जांच समिति बनाई जाएगी, एक रिपोर्ट भी दी थी।
एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) ने हाईकोर्ट में कहा है कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के दौरान बिजली गुल हुई थी, इन सेंटर पर 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। लेकिन अब तक सिर्फ 75 छात्रों ने ही याचिका दायर की है।
एनटीए का तर्क है कि इन 75 छात्रों की याचिकाओं के कारण बाकी हजारों छात्रों का रिजल्ट अटक गया है। एनटीए ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामले में जल्द फैसला दिया जाए ताकि बाकी छात्रों का रिजल्ट जारी किया जा सके।
छात्रों की मांग: दोबारा हो परीक्षा
याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि:
- वे इस परीक्षा की तैयारी में सालों से लगे थे।
- ऐसी गड़बड़ियों के चलते वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाए।
- हाईकोर्ट से मांग की गई है कि प्रभावित छात्रों को दोबारा परीक्षा का मौका दिया जाए।
- यह मौका वैकल्पिक रूप से दिया जाए, यानी जो छात्र चाहें, वे फिर से परीक्षा दें।
क्या हो सकता है आगे?
अब सबकी नजरें 16 जून की हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। यदि कोर्ट प्रभावित छात्रों के पक्ष में निर्णय देता है, तो छात्रों के लिए री-एग्जाम हो सकता है।
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