Ajit Jogi Statue Controversy: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) की प्रतिमा को गौरेला (Gaurela) से हटाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस पर उनके बेटे और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCC) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (Amit Jogi) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर एक महीने के भीतर प्रतिमा को दोबारा उसी स्थान पर नहीं लगाया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
घटना से प्रदेश की भावनाएं आहत हुईं
अमित जोगी ने 25 मई को हुई इस घटना को प्रदेश की अस्मिता पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने शराब के नशे में अजीत जोगी की प्रतिमा को हाइड्रा मशीन (Hydra Machine) से उखाड़ दिया, जो कि पूरी तरह गैरकानूनी और असामाजिक कृत्य है। उन्होंने इस कार्रवाई को “तालिबानी सोच” करार दिया और कहा कि अगर प्रशासन ऐसे लोगों को खुला छोड़ता है तो ये छत्तीसगढ़ के लिए खतरनाक संकेत है।
निजी जमीन पर स्थापित थी प्रतिमा
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रतिमा जोगी परिवार की निजी जमीन पर स्थापित की गई थी, जो 1932 से उनके कब्जे में है। ऐसे में किसी सरकारी अधिकारी द्वारा प्रतिमा को हटवाना न केवल भूमि अधिकार (Land Rights) का उल्लंघन है, बल्कि यह राजनीतिक द्वेष की मानसिकता को भी दर्शाता है।
भाजपा पर भी साधा निशाना
अमित जोगी ने भाजपा नेताओं से प्रतिमा को लेकर राजनीति न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी नेता की प्रतिमा को उखाड़ना बेहद दुखद और लोकतंत्र विरोधी कार्य है। अमित ने कहा कि अगर प्रशासन ने इसे दोबारा स्थापित नहीं किया तो वो प्रतिमा को खुद लाकर उसी स्थान पर स्थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री को किया याद
अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने पहले कहा था कि उन्हें गौरेला आना अच्छा लगता है। अब सवाल है कि जहां प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री की प्रतिमा को ही हटा दिया जाए, उस जगह को सम्मान कैसे मिलेगा? उन्होंने सीएम से मांग की कि वे हस्तक्षेप कर प्रतिमा को वापस उसी स्थान पर लगाने का निर्देश दें।