जब भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा- भगवान एक है या अनेक, सुनिए फिर क्या कहा
– भगवान केवल एक है, रूप करोड़ों में हैं
– भगवान को ही महत्व देना चाहिए. दूसरों को नहीं
जब भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा- भगवान एक है या अनेक, सुनिए फिर क्या कहा
– भगवान केवल एक है, रूप करोड़ों में हैं
– भगवान को ही महत्व देना चाहिए. दूसरों को नहीं