CM Sai Health Review Meeting: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि दवाइयों (Medicines) की उपलब्धता राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं आमजन के लिए सुलभ और प्रभावी होनी चाहिए।
आयुष चिकित्सा पद्धति को विस्तार देने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में आयुष (AYUSH) चिकित्सा प्रणाली के जरिए उपचार की बेहतर संभावनाएं हैं और इसे और विस्तार दिया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर जिले और ब्लॉक में आयुष आधारित केंद्रों को सुदृढ़ किया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पारंपरिक और समग्र चिकित्सा का लाभ मिल सके।
बीमारियों की रोकथाम को मिले प्राथमिकता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खासतौर पर एनीमिया (Anemia), लेप्रोसी (Leprosy) और मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम (Maternal Program) को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने इन बीमारियों पर केंद्रित विशेष अभियान चलाने और जागरूकता के जरिए रोकथाम सुनिश्चित करने को कहा।
छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं देश में 5वें स्थान पर
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल (Shyam Bihari Jaiswal) ने बताया कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (National Quality Assurance Standards – NQAS) में देश में 5वें स्थान (5th Rank) पर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है और भविष्य में इसे और सशक्त किया जाएगा।
टीबी और मलेरिया उन्मूलन की दिशा में बेहतर काम
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया (Amit Kataria) ने बैठक में बताया कि टीबी (Tuberculosis) उन्मूलन के लिए 90 प्रतिशत की उपचार सफलता दर (Treatment Success Rate) दर्ज की गई है और 100% टीबी मरीजों की सूचना (Notification) भी सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही टीकाकरण (Vaccination) का लक्ष्य मार्च 2025 तक 94 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित
इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन (Amitabh Jain), मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh), सचिव राहुल भगत (Rahul Bhagat), मुकेश बंसल (Mukesh Bansal), आयुष विभाग की आयुक्त शिखा राजपूत तिवारी (Shikha Rajput Tiwari), एनएचएम की एमडी डॉ. प्रियंका शुक्ला (Dr. Priyanka Shukla) और औषधि नियंत्रक दीपक अग्रवाल (Deepak Agrawal) सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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