रिपोर्ट- अखिलेश सेन, इंदौर
Indore Digital Arrest: इंदौर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक लेडी प्रिंसिपल को 36 घंटे से ज्यादा समय तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। आरोपियों ने महिला से एक करोड़ रुपये की मांग की और उन्हें इतना डरा-धमकाया कि वो अपने परिवार से भी बात नहीं कर सकी।
ठगों ने खुद को TRAI और पुलिस अधिकारी बताकर डराया-धमकाया और महिला पर 267 एफआईआर होने का झांसा देकर बुजुर्ग को मानसिक रूप से बंधक बना लिया। इसके बाद ठगों ने बुजुर्ग को बचने के लिए उनके अकांउट में एक करोड़ रुपए ट्रांसफर करने को कहा। घबराकर बुजुर्ग महिला बैंक में अपनी एफडी तुड़वाने पहुंची। लेकिन, मामला सामने नहीं आता, अगर समय रहते बैंक मैनेजर और पुलिस ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जब लेडी प्रिंसिपल रुपयों का इंतजाम करने के लिए अपनी FD तुड़वाने बैंक पहुंची, तब मामले (Indore Digital Arrest) का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की। पुलिस ने बताया कि आरोपी लेडी प्रिंसिपल को धमकी दे रहे थे और उनसे रुपये की मांग कर रहे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
ऐसे बनी शिकार
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि 27 मई की सुबह सेन्ट्रल स्कूल से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल नंदनी चिपलूणकर के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। महिला कॉलर ने खुद को TRAI अधिकारी बताते हुए उनकी सिम बंद होने की बात कही। जब उन्होंने कारण पूछा, तो कॉल कोलाबा पुलिस स्टेशन ट्रांसफर कर दिया गया, जहां एक पुरुष ने डीसीपी अनंत कुमार आर्या बनकर बात की और नंदनी पर जेट एयरवेज के नरेश गोयल से पहचान और अवैध ट्रांजैक्शन का आरोप लगाया।

‘आपके खिलाफ 267 एफआईआर हैं’, कहा- 1 करोड़ ट्रांसफर करो
इसके बाद एक अन्य महिला कॉलर ने खुद को IPS रश्मि शुक्ला बताया और दावा किया कि नरेश गोयल ने कोर्ट में नंदनी का नाम लिया है। उसने कहा कि नंदनी के खिलाफ 267 एफआईआर दर्ज हैं और डिजिटल अरेस्ट किया जा सकता है। डर के मारे नंदनी ने अपने पति और नौकर से भी बात करना बंद कर दिया और खुद को कमरे में बंद कर लिया। ठगों ने कहा कि गिरफ्तारी से बचना है तो 1 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने होंगे। नंदनी ने 52 लाख की सेविंग और 50 लाख की एफडी तुड़वाने की बात पर हामी भर दी।
बैंक मैनेजर की सूझबूझ से बची एक करोड़ की ठगी
जब नंदनी SBI बैंक में FD तोड़ने गईं और बड़ी रकम ट्रांसफर करने की बात की, तो वहां की मैनेजर गीतांजलि गुप्ता को शक हुआ। मैनेजर तत्काल समझदारी दिखाते हुए सर्वर डाउन होने की बात कहकर नंदनी को टाल दिया। इसके बाद उन्होंने एडिशनल DCP राजेश दंडोतिया को कॉल कर पूरी जानकारी दी।

दो दिन फोन बंद रखा, ऑन करते ही फिर आने लगे कॉल
राजेश दंडोतिया ने नंदनी के रिश्तेदारों से संपर्क किया। पता चला कि उनका बेटा अमेरिका में और रिश्तेदार दीपक इंदौर में रहते हैं। दीपक ने नंदनी से बात की, तो उन्होंने पर्सनल काम के लिए पैसे निकालने की बात कही। इसके बाद एडिशनल DCP ने नंदनी को दो दिन अपना मोबाइल बंद रखने की सलाह दी।
जब नंदनी ने अपना मोबाइल ऑन किया, तो फिर से ठगों के कॉल आने लगे। इसके बाद एडिशनल DCP खुद नंदनी के घर पहुंचे और उन्हें समझाया कि डिजिटल अरेस्ट (Indore Digital Arrest) जैसी कोई चीज नहीं होती। घर पर ही FIR दर्ज की गई और अब क्राइम ब्रांच की साइबर टीम उन नंबरों की जानकारी निकाल रही है, जिनसे नंदनी को कॉल आए थे।
पुलिस की कार्रवाई
रविवार को एडिशनल डीसीपी खुद नंदनी के घर पहुंचे और उन्हें समझाया कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। मामले की संवेदनशीलता और दंपती की उम्र को देखते हुए पुलिस ने घर पर ही एफआईआर दर्ज की। अब क्राइम ब्रांच की साइबर टीम उन मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है, जिनसे बुजुर्ग महिला को कॉल किए गए।
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