Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में नाबालिग छात्राओं से अश्लील हरकत करने के आरोपी शिक्षक को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। आरोपी शिक्षक राममूरत कौशिक (Rammoorat Kaushik) की अग्रिम जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया।
उस पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita – BNSS) की धारा 75(1) और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) की धारा 8 के तहत गंभीर मामला दर्ज किया गया है।
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पीड़ित छात्राओं के बयान ने बढ़ाई मुश्किलें
इस मामले में 13 साल की नाबालिग छात्राओं ने बीएनएसएस की धारा 183 के तहत दिए गए बयान में साफ तौर पर बताया कि शिक्षक ने उनके साथ अनुचित और अश्लील हरकतें की थीं। पुलिस द्वारा मामले की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ सकरी थाने में केस दर्ज किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी शिक्षक ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी।
शिक्षक का बचाव: साजिश बताकर खुद को बताया निर्दोष
जमानत याचिका में आरोपी शिक्षक ने अपनी उम्र 55 साल बताते हुए दावा किया कि वह छात्राओं से अपने बच्चों जैसा व्यवहार करता था। उसने कहा कि उसका तबादला हो चुका है और वह अब अतिशेष शिक्षक (Surplus Teacher) के रूप में कार्यरत है। उसका आरोप था कि अन्य शिक्षकों ने उसे हटाने की साजिश रची और छात्राओं से झूठी शिकायत करवाई।
सरकार का विरोध और कोर्ट का फैसला
राज्य सरकार ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए दलील दी कि एक शिक्षक होने के बावजूद उसने नाबालिग छात्राओं के साथ अभद्रता की है। पीड़ित छात्राओं ने स्पष्ट रूप से अपने बयान में शिक्षक की हरकतों को स्वीकार किया है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
अब गिरफ्तारी की तलवार लटकी
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब आरोपी शिक्षक पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। पुलिस कभी भी उसे गिरफ्तार कर सकती है। यह मामला राज्यभर में शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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