Inverter Battery Maintenance Tips: गर्मियों में पावर कट की समस्या आम हो जाती है और इन्वर्टर हमारी रोजमर्रा की ज़रूरत बन जाता है। लेकिन इसकी बैटरी की सही देखभाल न करना एक आम गलती है, खासकर पानी कब डालना है, इस बात को लेकर।
बैटरी में पानी क्यों होता है ज़रूरी?
इन्वर्टर की बैटरी में डिस्टिल्ड वॉटर डाला जाता है, जो बैटरी के भीतर इलेक्ट्रोलाइट रिएक्शन को बनाए रखता है। यही प्रक्रिया बैटरी को चार्ज और डिस्चार्ज करने में मदद करती है। अगर पानी कम हो जाए, तो बैटरी ड्राय हो सकती है, जिससे उसकी क्षमता घटती जाती है।
सही समय पर पानी न डालना सबसे बड़ी गलती
अधिकतर लोग तब बैटरी खोलते हैं जब इन्वर्टर सही से काम करना बंद कर देता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। बैटरी में पानी डालने का भी एक सही समय और तरीका होता है।
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पानी डालने का सही समय क्या है?
लाइट कम जाती है तो:
हर 2-3 महीने में एक बार बैटरी का वॉटर लेवल चेक करें।
इन्वर्टर का ज्यादा इस्तेमाल हो तो:
हर 1 से 1.5 महीने में लेवल जरूर चेक करें।
बैटरी पर Minimum और Maximum का निशान होता है। पानी का स्तर इन दोनों के बीच होना चाहिए। यदि Minimum से नीचे चला जाए, तो तुरंत डिस्टिल्ड वॉटर भरें।
ये सावधानियां रखें
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सिर्फ डिस्टिल्ड वॉटर का ही इस्तेमाल करें। नल का पानी बैटरी को खराब कर सकता है।
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पानी डालते समय दस्ताने और सेफ्टी ग्लास पहनें।
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बैटरी अत्यधिक गर्म हो रही हो, तो तुरंत टेक्नीशियन से जांच करवाएं।
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बिना जरूरत बैटरी का ढक्कन न खोलें।
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बैटरी को धूप में रखने से बचाएं और साफ-सुथरा रखें।
लंबे समय तक पावर बैकअप
इन्वर्टर की बैटरी भी किसी मशीन की तरह देखभाल मांगती है। समय पर पानी डालना, नियमित जांच और सावधानी बरतना बैटरी की उम्र बढ़ाता है और आपके इन्वर्टर को लंबे समय तक बेहतर पावर बैकअप देने में सक्षम बनाता है।
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