AIIMS Bhopal Emergency App: एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal Emergency App) ने ‘इमरजेंसी कोड’ नाम से एक ऐसा ऐप तैयार किया है. जिसके जरिए आप मेडिकल इमरजेंसी होने पर मरीज की जान बचा सकते हैं। इस ऐप के जरिए आप जान पाएंगे कि इमरजेंसी होने पर आप कैसे मरीज को फर्स्ट एड या सीपीआर दे सकते हैं।
इमरजेंसी होने पर कैसे बचाएं जान ?
आपको बता दें कि, वर्ल्ड इमरजेंसी मेडिसिन डे के मौके पर एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal Emergency App) ने एक दिन का सीपीआर और फर्स्ट एड ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया। इस ट्रेनिंग सेशन में डॉक्टरों की टीम ने बताया कि, इमरजेंसी होने पर आप किस तरह से मरीज की जान बचा सकते हैं।
प्ले स्टोर पर फ्री में उपलब्ध रहेगा ऐप
इस ऐप को एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal Emergency App) की टीम ने ही डेवलप किया है। इस ऐप की खासियत ये है कि, ये हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है। आम जनता के लिए बनाए गए इस ऐप में बहुत ही सरल शब्दों में ये बताया गया है कि, मेडिकल इमरजेंसी होने पर आप किस तरह से मरीज की जान बचा सकते हैं। इस ऐप का इस्तेमाल कर आप कहीं पर भी सीपीआर दे सकते हैं। ये ऐप गूगल प्ले स्टोर पर फ्री में उपलब्ध रहेगा।
बिना इंटरनेट के भी कर सकेंगे इस्तेमाल
एक बार डाउनलोड होने के बाद आप इसे बिना इंटरनेट के भी इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका फायदा वो लोग भी उठा सकते हैं, जो आदिवासी और उन इलाकों में रहते हैं जहां नेटवर्क नहीं होते। गोल्डन पीरियड यानी शुरुआती एक घंटे में आपको किस तरह का ट्रीटमेंट देना है, ये ऐप इमेजेस के जरिए आपको ये सारी स्टेप्स बताएगा।
15 दिन बाद कर सकेंगे डाउनलोड
इस ऐप में सभी इमरजेंसीज का फ्लोचार्ट के रूप में मैनेजमेंट दिया गया है। इस ऐप को डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स, एंबुलेंस स्टाफ, पैरामेडिक्स और आम जनता सभी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर किसी शख्स का हेल्थकेयर बैकग्राउंड नहीं है, वो भी इस ऐप में फोटो और वीडियो देखकर इसे इस्तेमाल कर सकता है और किसी की जान बचा सकता है।
एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal Emergency App) की टीम ने इमरजेंसी कोड ऐप को प्ले स्टोर पर अपलोड करने की प्रोसेस शुरू कर दी है। अगले 15 दिनों में ये ऐप, गूगल प्ले स्टोर पर फ्री में उपलब्ध हो जाएगा।
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