New Passport Rules 2025: भारत सरकार अब पासपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने की दिशा में तेज़ी से काम कर रही है। इसके तहत ई-पासपोर्ट, सुरक्षा फीचर्स, और आवेदन प्रक्रिया में बदलाव जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। 2030 तक देशर में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिससे लोगों को तेज़ और सुगम सेवाएं मिल सकें।
जानिए भारतीय पासपोर्ट से जुड़े 5 अहम बदलाव
1. ई-पासपोर्ट में RFID चिप और बायोमेट्रिक डेटा
भारत सरकार ने ई-पासपोर्ट की शुरुआत कर दी है। इसमें RFID चिप लगी होती है, जिसमें आपका बायोमेट्रिक और पर्सनल डेटा सुरक्षित रहता है। इस डिजिटल तकनीक से पहचान की चोरी और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। शुरुआत गोवा और रांची जैसे शहरों में हो चुकी है।
2. पासपोर्ट से रेजिडेंशियल एड्रेस हटेगा, बारकोड से होगा एक्सेस
अब पासपोर्ट के अंतिम पेज पर रेजिडेंशियल एड्रेस नहीं छपा होगा। उसकी जगह एक बारकोड होगा जिसे स्कैन करने पर अधिकृत इमीग्रेशन अधिकारी आपके पते की जानकारी एक्सेस कर सकेंगे। इससे गोपनीयता और डेटा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
3. पैरेंट्स के नाम पासपोर्ट से हटाए जाएंगे
नई व्यवस्था के तहत पासपोर्ट में अब माता-पिता के नाम शामिल नहीं होंगे। यह बदलाव उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी पारिवारिक संरचना पारंपरिक नहीं है, जैसे सिंगल पैरेंट्स, डाइवोर्स या अन्य विविध पारिवारिक परिस्थितियां। यह कदम आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उठाया गया है।
4. बर्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य – 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे लोगों के लिए
अब 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वाले सभी लोगों को पासपोर्ट के लिए बर्थ सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य होगा। यह सर्टिफिकेट केवल अधिकृत रजिस्ट्रार द्वारा जारी होना चाहिए। वहीं, इससे पहले जन्मे लोग अन्य वैकल्पिक दस्तावेज जैसे आधार, पैन या स्कूल प्रमाणपत्र का उपयोग कर सकेंगे।
5. 2030 तक बढ़ेंगे पासपोर्ट सेवा केंद्र
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देशभर में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या में वृद्धि की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनके नजदीक पासपोर्ट सेवाएं मिल सकें। यह कदम देशभर में पासपोर्ट सुविधा की पहुँच और दक्षता को बढ़ाएगा।
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