हाइलाइट्स
- धार में जेई-कंप्यूटर ऑपरेटर रिश्वत लेते गिरफ्तार
- इंदौर लोकायुक्त ने 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
- बिजली चोरी के केस में मांगी थी 40 हजार की रिश्वत
Dhar Bribery Case: मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लोकायुक्त की धरपकड़ के बाद भी रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कार्रवाई के बाद भी सरकारी कार्यालयों में रिश्वत का खेल जारी है। ताजा मामला धार जिले से सामने आया है, जहां इंदौर लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिजली कंपनी के जूनियर इंजीनियर और कंप्यूटर ऑपरेटर को 30 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
जेई-कंप्यूटर ऑपरेटर रिश्वत लेते रंगे हाथों धराए
दरअसल, इंदौर लोकायुक्त की टीम ने धार जिले के मनावर के सिंघाना में कार्रवाई की है। पीड़ित की शिकायत के बाद लोकायुक्त ने बिजली चोरी के मामले में रिश्वत लेते हुए जूनियर इंजीनियर अनिल वास्केल के साथ कंप्यूटर ऑपरेटर गणेश इस्के (आउटसोर्स कर्मचारी) को गिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। साथ ही मामले में मीटर रीडर वासुदेव पाटीदार को भी आरोपी बनाया गया है। लोकायुक्त टीम ने तीनों को ट्रैप कर पकड़ा। बिजली चोरी के एक केस में राशि कम करने एवज में रिश्वत की डिमांड की गई थी।
बिजली चोरी केस से बचाने के लिए रिश्वत
जानकारी के मुताबिक मनावर के गांव देवगढ़ निवासी अनिल पाटीदार ने इंदौर लोकायुक्त से शिकायत की थी। जिसमें बिजली कंपनी के कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे।
दरअसल, 18 मई को अनिल पाटीदार के घर की लाइट गुल हो गई थी, जिसके उन्होंने सिंघाना कार्यालय में फोन लगाया था, लेकिन फोन नहीं लगने पर अलग केबल से बिजली चालू कर ली गई, अगले दिन जूनियर इंजीनियर अनिल वास्केल अपनी टीम के साथ पहुंचे और बिजली चोरी को लेकर 60 हजार रुपए का चालान थमा दिया। बाद में मीटर रीडर वासुदेव पाटीदार ने बताया कि चालान घटाने और कार्रवाई से बचने के लिए 40 हजार रुपए की मांग की जा रही है। इसके बाद पाटीदार ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर पहुंचकर शिकायत कर दी।
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लोकायुक्त ने कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा
शिकायत के सत्यापन के बाद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने योजना के तहत ट्रैप किया और रिश्वत लेते समय जूनियर इंजीनियर और कंप्यूटर ऑपरेटर को 30 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। दोनों से रिश्वत की रकम बरामद की गई। इस मामले में तीसरा आरोपी मीटर रीडर वासुदेव पाटीदार है, जिसे भी पकड़ा गया है। यह कार्रवाई डीएसपी आनंद चौहान और निरीक्षक प्रतिभा तोमर के नेतृत्व में की गई। तीनों आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और बीएनएस की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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