हाइलाइट्स
- सागर में दूल्हे ने पेश की दहेज प्रथा के खिलाफ मिसाल
- सीए नीलेश लोधी ने सगाई में मिले 10 लाख रुपये लौटाए
- 101 रुपए शगुन लेकर की सगाई, समाज को दिया संदेश
सागर से मनीष तिवारी की रिपोर्ट
Sagar Engagement Without Dowry: मध्य प्रदेश में दहेज प्रथा के खिलाफ अनूठी पहल सामने आई है। सागर जिले के युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट नीलेश लोधी ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक प्रेरणादायक कदम उठाया है। उन्होंने अपनी सगाई में ससुराल पक्ष से मिले 10 लाख रुपए लौटाकर समाज को यह संदेश दिया कि रिश्ते लेन-देन का नहीं, बल्कि दो परिवारों के मिलन का नाम है। इसके साथ ही उन्होंने शगुन में मात्र 101 रुपए लेकर की सगाई में टीका लगवाया। साथ ही शादी को दहेज मुक्त बनाने का संकल्प लिया। नीलेश के इस कदम की खूब सराहना हो रही है।
दहेज प्रथा के खिलाफ संदेश, लौटाया 10 लाख कैश
मध्य प्रदेश में एक बार फिर नई पीढ़ी के युवा ने दहेज प्रथा के खिलाफ संदेश देते हुए दहेज में मिला कैश लौटा दिया है। सागर के परसोरिया के 30 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) ने नीलेश लोधी ने अपनी सगाई में ससुराल पक्ष की ओर दिए गए 10 लाख रुपए कैश लौटाकर सबको चौंका दिया। सगाई में नीलेश ने शगुन के रूप में केवल 101 रुपए में स्वीकार किए। नीलेश के इस कदम ने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है और यह साबित किया है कि अगर समाज ठान ले, तो दहेज जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त किया जा सकता है।
10 लाख रुपए लेने से साफ इनकार
जानकारी के मुताबिक नीलेश लोधी की शादी रायसेन के एक गांव में जुड़ी हुई है, इसके बाद लड़की पक्ष के लोग सगाई के लिए सागर पहुंचे थे, नीलेश को टीका लगाने की तैयारितां पूरी थी, इसके बाद कार्यक्रम में लड़की के परिवार की तरफ से 10 लाख कैश लाया गया। जैसे ही ससुराल पक्ष ने 10 लाख रुपए नीलेश के सामने पेश किए तो उन्होंने रुपए लेने साफ इनकार कर दिया। पैस लौटाते हुए स्पष्ट कहा उनकी नैतिकता इन पैसों को स्वीकार करने की अनुमति नहीं देती। इसके बाद उन्होंने शगुन में केवल 101 रुपए लेकर टीका लगवाया।
पंडित ने 101 रुपए में कराई सगाई, नहीं लिए 2100
युवा नीलेश के दहेज के खिलाफ इस कदम और सगाई में मिले कैश के लौटाने के फैसले को देखकर कार्यक्रम में परिवार और मेहमान हैरान रह गए। जहां सगाई में 101 का शगुन स्वीकार किया गया पूजन कराने आए पुजारी ने 1 रुपए में पूजा संपन्न कराई। युवा नीलेश से प्रभावित होकर पुजारी ने जमकर सराहना करते हुए अपनी दक्षिणा में मिले 2100 रुपए नहीं लिए।
दहेज प्रथा सामाजिक बुराई, मैं इसके खिलाफ
किसान गौरी शंकर लोधी के बेटे नीलेश का कहना है कि वह हमेशा से ही दहेज के खिलाफ रहे हैं। यह सामाजिक बुराई है। इसे खत्म करना चाहता हूं। लोगों से अपील करता हूं कि लोग दान-दहेज के लालच के बिना अपने बेटों की शादी करें ताकि लड़की पक्ष पर कोई भार न आए। उन्होंने शादी भी दहेज मुक्त तरीके से संपन्न करने का फैसला लिया है। नीलेश के पिता ने भी इस कदम की सराहना की।
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समाज में सकारात्मक संदेश, जमकर हो रही सराहना
नीलेश की इस पहल की समाज और गांव ने जमकर सराहना हो रही है। 10 लाख कैश को ठुकराया जाना अब चारों ओर चर्चा का विषय बन चुका हैं। उनकी इस सोच ने समाज में दहेज के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है और यह उदाहरण उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है, जो समाज में बदलाव लाना चाहते हैं।
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