Ajit Jogi Statue Controversy: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ज्योतिपुर चौक में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी (Ajit Jogi) की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय ठेकेदार गणेश कंस्ट्रक्शन (Ganesh Construction) द्वारा प्रतिमा स्थापित किए जाने के बाद अब नगर पालिका ने इसे हटाने का आदेश दिया है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) का कहना है कि केवल चबूतरा और गार्डन निर्माण के लिए वर्क ऑर्डर (Work Order) जारी किया गया था, प्रतिमा लगाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।

CMO का दावा- नहीं दी गई थी प्रतिमा की अनुमति
गौरेला नगर पालिका के CMO नारायण साहू (Narayan Sahu) ने स्पष्ट किया कि ज्योतिपुर तिराहे (Jyotipur Tiraha) पर सिर्फ चबूतरा और गार्डन निर्माण का वर्क ऑर्डर ठेकेदार को दिया गया था।
स्थल निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि ठेकेदार ने बिना अनुमति के अजीत जोगी की प्रतिमा लगा दी है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2025 में नगर पालिका परिषद की बैठक में तय किया गया था कि इस स्थान पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Shyama Prasad Mukherjee) की प्रतिमा लगाई जाएगी।
24 घंटे में प्रतिमा नहीं हटाई तो होगी कार्रवाई
नगर पालिका ने गणेश कंस्ट्रक्शन को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर प्रतिमा हटाने का आदेश दिया है। ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह नोटिस मिलने के बाद शहर में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा तेज हो गई है।
पार्षद बोले- प्रतिमा हटाना जनता की भावनाओं का अपमान
स्थानीय पार्षद रियाज कुरैशी (Riyaz Qureshi) ने नगर पालिका के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “अजीत जोगी हमारे क्षेत्र के माटी पुत्र हैं। वे छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनकी प्रतिमा हटाना जनता की भावनाओं के साथ अन्याय होगा।”
रियाज कुरैशी का यह भी कहना है कि चबूतरा निर्माण का जो टेंडर निकाला गया था, उसमें अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने की बात कही गई थी। ऐसे में अब प्रतिमा को हटाने का फैसला राजनीति से प्रेरित लग रहा है।
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