हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया मप्र सरकार का आदेश
- एक माह में नए नियम बनाने का निर्देश
- IFS अफसरों की ACR केवल IFS अधिकारी ही भर सकते हैं-SC
MP IFS Officers ACR Report Case : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (ACR) भरने का अधिकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को दिया गया था। कोर्ट ने इसे वर्ष 2000 के एक पूर्व निर्णय की अवमानना मानते हुए असंवैधानिक करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्देशों का उल्लंघन
यह फैसला टी. एन. गोदावर्मन मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि 29 जून 2024 को जारी मप्र शासन का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्देशों का उल्लंघन है और इसका कोई वैधानिक आधार नहीं है।
सुनवाई में यह सामने आया कि देश के सभी राज्य वर्ष 2000 के सुप्रीम कोर्ट आदेश का पालन कर रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इसका उल्लंघन करते हुए एक नई व्यवस्था लागू कर दी, जिसमें कलेक्टर, कमिश्नर और प्रमुख सचिव जैसे गैर-IFS अधिकारी IFS अफसरों की ACR भर रहे थे।
कोर्ट ने किया स्पष्ट
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एपीसीसीएफ (Additional Principal Chief Conservator of Forests) स्तर तक के अधिकारियों की ACR केवल उसी सेवा (IFS) के वरिष्ठ अफसर ही भर सकते हैं। केवल पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) स्तर पर गैर-IFS अधिकारी को रिपोर्टिंग अधिकार दिया जा सकता है।
हालांकि कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई अभी टाल दी है, लेकिन राज्य सरकार को एक महीने के भीतर नए नियम बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिनियुक्ति (deputation) पर तैनात IFS अधिकारियों पर यह नियम लागू नहीं होगा।