Corona Virus New Variant: कोविड-19 एक बार फिर से खतरा बनकर सामने आ रहा है। भारत समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 और इसके सब-वैरिएंट्स जैसे LF.7 और NB.1.8 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्वरूप का सब-वैरिएंट है और यह अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक माना जा रहा है।
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जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार, JN.1 में एक या दो अतिरिक्त म्यूटेशन्स हैं, जिससे यह तेज़ी से फैल सकता है। यह मुख्य रूप से एयरबोर्न ड्रॉपलेट्स, निकट संपर्क, और दूषित सतहों के जरिए फैलता है। भारत में इसकी आधिकारिक पुष्टि भले ही सीमित है, लेकिन केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में इसके सबसे अधिक केस देखे गए हैं।
किन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक?
यह वैरिएंट विशेष रूप से उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, जैसे:
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बुजुर्ग
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डायबिटीज, हृदय रोग या अन्य पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोग
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पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोग
नए लक्षण क्या हैं?
JN.1 वैरिएंट के लक्षण पिछले वैरिएंट्स जैसे डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलते-जुलते हैं, लेकिन इनमें कुछ विशेष लक्षण देखने को मिले हैं:
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लगातार सूखी खांसी
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स्वाद और गंध का चला जाना
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तेज़ सिरदर्द जो सामान्य दवाओं से ठीक न हो
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नाक बहना या बंद होना
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गले में खराश
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थकान और कमजोरी
लक्षणों को न करें नजरअंदाज
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन लक्षणों को शुरुआत में ही पहचानकर इलाज शुरू किया जाए, तो गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है।
बचाव के उपाय क्या हैं?
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बूस्टर डोज लगवाना न भूलें
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भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क जरूर पहनें
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हैंड हाइजीन बनाए रखें – बार-बार हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें
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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
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लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाएं और आइसोलेशन में रहें
वर्तमान स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 19 मई 2025 तक भारत में 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले एक वर्ष में सर्वाधिक हैं। भले ही कोविड-19 का असर पहले से कम हो गया है, लेकिन नए वैरिएंट्स यह संकेत दे रहे हैं कि सतर्कता अभी भी बेहद जरूरी है। समय पर सावधानी और टीकाकरण ही इस वायरस से लड़ने का सबसे प्रभावी हथियार है।
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