रिपोर्ट: रवि प्रताप सिंह- फतेहपुर
Pramod Maurya Controversy: उत्तरप्रदेश के गाजीपुर के थाना प्रभारी प्रमोद मौर्या पर थाना परिसर में पीड़ितों पर लाठीचार्ज और अभद्र व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गाजीपुर कस्बे के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता मोनू सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण के माध्यम से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
इस घटना ने जिले में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग थाना प्रभारी की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।
थाना प्रभारी ने की गाली-गलौज
मोनू सिंह ने बताया कि वह अपने एक दोस्त के मामले को लेकर कुछ साथियों के साथ गाजीपुर थाने में थाना प्रभारी से मिलने गए थे। बातचीत के दौरान थाना प्रभारी प्रमोद मौर्या ने कथित तौर पर गाली-गलौज शुरू कर दी, जिससे उनके साथियों का गुस्सा भड़क गया।
इसके बाद, प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आरोप है कि इस पर थाना प्रभारी ने थाना परिसर का गेट बंद करवाकर मोनू सिंह और उनके साथियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
जनता में आक्रोश, थाना प्रभारी की बर्खास्तगी की मांग
लाठीचार्ज की इस घटना के बाद आम जनता और युवाओं में पुलिस के खिलाफ गुस्सा फैल गया। पुलिस ने इस मामले में 26 लोगों के खिलाफ अलग-अलग संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें 16 छात्र शामिल हैं।
लाठीचार्ज में कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें कुछ के हाथ फ्रैक्चर होने की बात सामने आई है। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने न तो उनका मेडिकल कराया और न ही कोई उपचार उपलब्ध कराया।
आहत लोग न्याय की गुहार लगाने के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल और क्षेत्रीय नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
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पुलिस अधीक्षक की चुप्पी पर सवाल
इस मामले में जिले में पहली बार धारा 151 के तहत 10 लाख रुपये की जमानत पर पीड़ितों को एसडीएम कोर्ट से राहत मिली है।
हालांकि, पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह द्वारा अभी तक थाना प्रभारी प्रमोद मौर्या के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर जनता में सवाल उठ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली और पीड़ितों पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई ने उनके आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
बजरंग दल ने भी जताया विरोध
बजरंग दल के सह-संयोजक धर्मेंद्र सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। अपनी बाइट में उन्होंने पुलिस की बर्बरता को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए थाना प्रभारी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा, “पुलिस का यह रवैया जनता के साथ अन्याय है। हम पीड़ितों के साथ खड़े हैं और न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।”
वायरल वीडियो और पुलिस की सफाई
वायरल वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश करते देखा गया है, लेकिन मोनू सिंह ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने गेट बंद कर लाठीचार्ज करवाया।
दूसरी ओर, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में गाजीपुर थाना प्रभारी प्रमोद मौर्या को जनता से विनम्र निवेदन करते हुए दिखाया गया है, जिसमें वह स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
जांच और कार्रवाई का इंतजार
इस मामले ने जिले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जनता और सामाजिक संगठन पुलिस अधीक्षक से त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पीड़ितों का कहना है कि वे न्याय के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे। इस घटना की जांच और पुलिस की आगामी कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
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