3D Jobs Abroad: जब बात विदेश में नौकरी की होती है, तो आम धारणा यही होती है कि वहां की ज़िंदगी आरामदायक और सुविधाजनक होगी। लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग है। बड़ी संख्या में भारतीय समेत अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लोग विदेशों में ऐसे कठिन और जोखिम भरे काम कर रहे हैं जिन्हें 3D Jobs कहा जाता है।
क्या होती हैं 3D Jobs?
3D Jobs का मतलब है Dirty, Dangerous और Difficult यानी गंदे, खतरनाक और कठिन कार्य। इन नौकरियों में आमतौर पर अत्यधिक शारीरिक मेहनत की ज़रूरत होती है और कार्यस्थल का माहौल भी असुरक्षित होता है। उदाहरण के लिए, निर्माण स्थलों पर मजदूरी, फैक्ट्रियों में भारी मशीनों के साथ काम करना, सफाई, खदानों में श्रम और जहाजों की सफाई जैसी नौकरियां इनमें शामिल हैं।
कौन करते हैं ये काम?
इन नौकरियों में सबसे अधिक संख्या में काम करने वाले लोग विकासशील देशों से आते हैं, जिनमें भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और फिलीपींस जैसे देश शामिल हैं। आर्थिक तंगी और बेहतर कमाई की चाहत में ये लोग विदेशों का रुख करते हैं और कठिन परिस्थितियों में काम करना स्वीकार कर लेते हैं।
किन चुनौतियों का सामना करते हैं?
3D Jobs से जुड़े कर्मचारियों को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें बिना सुरक्षा उपकरणों जैसे हेलमेट, दस्ताने या मास्क के ही खतरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। लंबे काम के घंटे, कम वेतन, कम आराम और कई बार मानवाधिकारों का उल्लंघन भी इन नौकरियों की सच्चाई है। खासतौर पर खाड़ी देशों से ऐसे मामलों की शिकायतें लगातार सामने आती रहती हैं।
फिर भी क्यों करते हैं लोग ये काम?
इसके बावजूद, लोग इन नौकरियों को इसलिए करते हैं क्योंकि विदेशों में मिलने वाली सैलरी अपने देश की तुलना में अधिक होती है। वहां से भेजे गए पैसे से उनके परिवार का जीवन स्तर सुधरता है। यही वजह है कि हर साल लाखों लोग 3D Jobs के लिए विदेश जाते हैं।
3D Jobs न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण होती हैं, बल्कि सामाजिक और मानसिक दृष्टिकोण से भी कठिनाई भरी होती हैं। फिर भी यह वर्ग वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अनदेखा लेकिन अहम हिस्सा बना हुआ है। इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए सख्त कानूनों और निगरानी की ज़रूरत महसूस की जा रही है।