रिपोर्ट- अनुराग श्रीवास्तव, कानपुर
हाइलाइट्स
- भतीजे के प्यार में पागल हुई चाची
- पति की हत्या कर पड़ोसी को फंसाया
- पति चलाता था ट्रैक्टर
Kanpur Chachi bhatija Love Story: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के साढ़ थाना क्षेत्र के लक्ष्मणखेड़ा गांव में 11 मई को ट्रैक्टर चालक धर्मेंद्र पासी की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि मृतक की पत्नी रीना ने अपने प्रेमी भतीजे सतीश के साथ मिलकर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया। दोनों ने न केवल हत्या की साजिश रची, बल्कि गांव के तीन निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए झूठा ड्रामा भी रचा। लेकिन पुलिस की गहन जांच और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर रीना और सतीश का सारा खेल फेल साबित हो गया और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं इस मामले में पहले दो निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अब रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
क्या है पूरा मामला
पुलिस के अनुसार, 10 मई की रात को रीना ने अपने पति धर्मेंद्र को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर दीं। धर्मेंद्र के बेहोश होने के बाद रीना ने सतीश को घर बुलाया और दरवाजे की चौखट से धर्मेंद्र के सिर पर कई वार कर उसकी हत्या कर दी। इस दौरान घर में केवल धर्मेंद्र की 75 वर्षीय बधिर मां मौजूद थीं। हत्या के बाद रीना और सतीश ने खून के निशान मिटाने की कोशिश की। रीना ने खून से सनी चौखट को घर के अंदर ले जाकर आंगन और बाथरूम में धोया, जिससे वहां खून के छींटे फैल गए। सतीश ने भी कपड़े धोए और फिर दोनों ने गांव के बाहर आम की बगिया में जाकर छिपने की कोशिश की।
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पुलिस जांच में खुला राज
एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र का शव घर के बाहर मिला, लेकिन घर के अंदर और बाथरूम में खून के छींटों ने पुलिस को शक में डाला। बेंजाडीन टेस्ट में आंगन और बाथरूम में खून के अंश पाए गए। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच में रीना और सतीश के बीच लगातार बातचीत और अश्लील तस्वीरों का आदान-प्रदान सामने आया। पूछताछ में रीना ने स्वीकार किया कि उसका सतीश के साथ प्रेम संबंध था। धर्मेंद्र ने दोनों को एक बार रंगे हाथों पकड़ा था और उनके मिलने पर पाबंदी लगा दी थी, जिसके चलते दोनों ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची।
फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड की भूमिका
जांच में फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की मदद ली गई। शव को सूंघने के बाद डॉग स्क्वायड ने पहले आंगन, फिर बाथरूम और अंत में गांव की आम बगिया तक का रास्ता ट्रेस किया, जिससे हत्यारे के घर के करीबी होने की पुष्टि हुई। रीना और सतीश की साजिश को और पुख्ता करने के लिए गांव के यादव समुदाय के तीन लोगों पर झूठा आरोप लगाया गया, जिन्हें रीना ने हत्या का इल्जाम देकर हंगामा खड़ा किया था। इस हंगामे के दबाव में पुलिस ने शुरुआत में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
निर्दोषों को फंसाने की साजिश
रीना ने गांव में पासी और यादव समुदाय के बीच चल रहे पुराने विवाद का फायदा उठाया। उसने कीर्ति यादव, उनके बेटे रवि और भाई राजू पर हत्या का इल्जाम लगाकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। परिवार वालों और एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने भी हंगामा किया, जिसके चलते दो निर्दोष लोग जेल भेज दिए गए। हालांकि, पुलिस की गहन जांच और साक्ष्यों ने रीना और सतीश की साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
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सतर्कता से भरी रही पुलिस की कार्रवाई
एडीसीपी महेश कुमार ने बताया कि रीना और सतीश के खिलाफ हत्या, साक्ष्य मिटाने और साजिश रचने के आरोप में पर्याप्त सबूत मिले हैं। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। साथ ही, गलत तरीके से जेल भेजे गए दो निर्दोष लोगों को रिहा करने के लिए धारा 169 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है।
सामाजिक विवाद का दुरुपयोग
इस हत्याकांड ने न केवल रिश्तों को शर्मसार किया, बल्कि सामुदायिक विवादों का गलत इस्तेमाल कर निर्दोषों को फंसाने की साजिश को भी उजागर किया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फॉरेंसिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर सच्चाई सामने लाने में सफलता हासिल की
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