Bilaspur Police Negligence: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) जिले के तखतपुर क्षेत्र के जुनापारा पुलिस चौकी की अमानवीय लापरवाही का एक और मामला सामने आया है।
सकेरी (Sakri) गांव के निवासी उमाशंकर साहू का शव जंगल में मिलने के बाद पुलिस ने न तो कोई वाहन भेजा और न ही कोई जवान। इसके चलते मजबूर परिजन शव को बोरी में भरकर बाइक पर ले जाकर अस्पताल (Hospital) पहुंचे।
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तीन दिन से लापता थे उमाशंकर, खुद परिजनों ने खोजा शव
मृतक के परिजनों ने बताया कि उमाशंकर तीन दिन पहले लकड़ी काटने निमघाट जंगल (Nimghat Forest) गए थे, जिसके बाद से वे लापता थे। परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। खुद परिजनों और ग्रामीणों ने जंगल में खोजबीन की और क्षत-विक्षत शव बरामद किया।
जंगली जानवर के हमले की आशंका, फिर भी पुलिस निष्क्रिय
शव की हालत देखकर परिजन जंगली जानवरों के हमले की आशंका जता रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर मामले में भी पुलिस की निष्क्रियता ने परिजनों को झकझोर कर रख दिया है। शव को गांव से अस्पताल ले जाने तक पुलिस ने किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया।
परिजनों में गहरा आक्रोश, प्रशासन पर उठाए सवाल
मृतक के बेटे रोहित साहू और फागुराम साहू ने कहा कि पुलिस ने इंसानियत को शर्मसार किया है। जहां एक ओर शव बरामद होने पर तत्काल रिस्पांस और सम्मानजनक अंतिम व्यवस्था की अपेक्षा होती है, वहां पुलिस ने सारी जिम्मेदारी परिजनों पर डाल दी।
ग्रामीणों ने इस लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाई है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
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