MP में मंत्री-विधायकों को कब-कहां-कैसे और कितना बोलना है यह सिखाएंगे कम्यूनिकेशन एक्सपर्ट
भाजपा ने अपने नेताओं के विवादित बयानों से परेशान होकर एक नया कदम उठाया है। अब पार्टी अपने मंत्रियों और विधायकों को सार्वजनिक तौर पर कैसे बोलना चाहिए, यह सिखाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर जल्द ही प्रदेश भाजपा की ओर से पार्टी के मंत्री- विधायकों के लिए एक पाठशाला लगाई जाएगी…यह ट्रेनिंग नर्मदा नदी के किनारे एक संस्थान में होगी…इस प्रोग्राम में मीडिया और संचार के विशेषज्ञ नेताओं को सिखाएंगे कि:कब, कहाँ और कितना बोलना चाहिए। पार्टी की नीतियों और विचारधारा के अनुसार किन मुद्दों पर बोलना या चुप रहना चाहिए। विवादों से कैसे बचा जाए। मीडिया में अच्छी छवि कैसे बनाए रखें। सार्वजनिक कार्यक्रमों और विपक्षी नेताओं के हमलों पर कैसे जवाब दें।दरअसल, पिछले कुछ समय में भाजपा के कई नेताओं के बयानों से पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। चलिए उन बयानों पर नजर डालते है, जिनसे जनता के बीच गलत संदेश गया है… स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र पटेल – ग्वालियर में एक होटल पर छापेमारी के दौरान उनके बयान और व्यवहार से पार्टी की बदनामी हुई। जनजातीय मंत्री विजय शाह – ऑपरेशन सिंदूर पर उनकी टिप्पणी और कर्नल सोफिया के बारे में बयान विवादों में घिर गया। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह – इन दोनों के बीच झगड़े और गुटबाजी की खबरें आईं। वन मंत्री दिलीप अहिरवार – उन्होंने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया। रतलाम विधायक चिंतामण मालवीय – मुख्यमंत्री मोहन यादव के खिलाफ बयान दिए। महू विधायक ऊषा ठाकुर, मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल सांसद आलोक शर्मा – इनके भी कई बयानों पर पार्टी को सफाई देनी पड़ी। इन सबके चलते भाजपा ने तय किया है कि अब नेताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे सोच-समझकर बोलें और पार्टी की छवि खराब न हो।