विजय शाह को किसी तरह का पछतावा नहीं है.. सेना का सम्मान तो भूल ही जाइए.. उन्हें इस बात का भी लिहाज नहीं है.. कि वो जिसका अपमान कर रहे हैं.. वो सबसे पहले, एक महिला.. और देश की बेटी है.. विजय शाह जी.. सोफिया कुरैशी कोई आतंकी या पाकिस्तान की बहन नहीं है.. ये हमारी बहन है.. जिसने जहर घोलने वाली बातों से उपर उठकर, देश सेवा में खुद को समर्पित किया.. पर शायद आप अपनी प्रतिज्ञा भूल गए.. और सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में, वैसी ही ओछी हरकत की, जिस तरह की पहलगाम के आतंकियों ने की थी.. जिस तरह उन आतंकियों ने नाम पूछकर, देश को बांटना चाहा.. आपने भी उसी अलगाववाद के चश्मे से समाज को दो हिस्सों में देखा.. हम आपको वो बयान भी नहीं सुनाना चाहते.. जिसमें विजय शाह ने सारी हदें पार की..