हाइलाइट्स
- जम्मू हमलों के बाद ट्रेनों में चार गुना बढ़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़
- डर के माहौल में फैक्ट्रियों ने 250 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला
- ड्रोन हमलों के चलते पर्यटक और मजदूर लखनऊ समेत घर लौटने को मजबूर
Jammu-Kashmir Migrant Workers Return: पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर पर हुए हालिया हमलों के बाद वहां काम कर रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूरों और कर्मचारियों का घर लौटने का सिलसिला तेज हो गया है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जम्मू से चलने वाली ट्रेनों में चार गुना तक भीड़ बढ़ गई है। आरक्षित बोगियों में भी पैर रखने की जगह नहीं बची।
शनिवार 10 मई को कोलकाता-जम्मू एक्सप्रेस लखनऊ पहुंची तो उसके हर डिब्बे में भीड़ का मंजर देखने को मिला। कई यात्री सामान्य नहीं, आरक्षित बोगियों में भी खचाखच भरे हुए थे। यात्रियों ने बताया कि हमलों के बाद हालात इतने बिगड़ गए हैं कि फैक्ट्रियों ने सुरक्षा कारणों से कर्मचारियों को अस्थायी रूप से निकालना शुरू कर दिया है।
कामकाज छोड़ लौटे प्रवासी
झारखंड प्रवासियों ने बताया कि वे कठुआ की एक फैक्ट्री में काम करते थे। लेकिन जैसे ही पर्यटकों पर हमला हुआ, शहर में डर का माहौल बन गया। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से हुए ड्रोन हमलों ने हालात और बिगाड़ दिए। अब वहां रहना असुरक्षित लग रहा है, इसलिए सभी लोग कामकाज छोड़कर लौट रहे हैं।
नौकरी से निकाले गए सैकड़ों कर्मचारी
पुंछ की एक दवा कंपनी में काम करने वाले ने बताया कि कंपनी ने 250 से अधिक लोगों को सुरक्षा कारणों से नौकरी से निकाल दिया है। इससे लोगों में और भय फैल गया है और अधिकतर प्रवासी अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
छुट्टी पर गए यात्री भी लौटे घबराए हुए
लखनऊ के रहने वाले कुछ लोग छुट्टी मनाने जम्मू-कश्मीर गए थे। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर वे ठहरे थे, वहां से कुछ ही दूरी पर 100 से अधिक ड्रोन हमले हुए। डर के माहौल ने उन्हें समय से पहले लौटने को मजबूर कर दिया।
“पूरा शहर खाली हो गया”
बिहार लौट रहे एक व्यक्ति ने बताया कि पुंछ के जिस इलाके में हमला हुआ, वहां बहुत सी कंपनियां थीं, जिनमें बाहर से आए लोग काम करते थे। उन्होंने कहा कि सिर्फ दो दिनों के अंदर ऐसा लगा जैसे पूरा शहर खाली हो गया हो। स्टेशन पर हर ट्रेन में भारी भीड़ देखी गई, जिसमें ज्यादातर लोग अपने परिवारों के साथ गांव लौट रहे थे।
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