हाइलाइट्स
- तय समय से चार दिन पहले दस्तक देगा मानसून
- 1 जून की बजाय 27 मई को पहुंचेगा केरल
- IMD ने जारी किया अनुमान
Monsoon 2025: इस साल देश में मानसून तय समय से चार दिन पहले दस्तक दे सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल के तट पर पहुंचेगा, जबकि सामान्यतः यह 1 जून को आता है। अगर ऐसा होता है, तो यह 2009 के बाद पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी भारत पहुंचेगा। 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था, जबकि 2024 में यह 30 मई को आया था।
Forecast of the Onset Date of Southwest Monsoon – 2025 over Kerala
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— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 10, 2025
पिछले 5 वर्षों में मानसून (बरसात) का अनुमान और वास्तविक वर्षा (प्रतिशत में)
साल | आईएमडी का अनुमान (%) | स्काईमेट का अनुमान (%) | वास्तविक बारिश (%) |
---|---|---|---|
2024 | 106 | – | 108 |
2023 | 96 | 94 | 94 |
2022 | 100 | 98 | 106 |
2021 | 98 | 94 | 99 |
2020 | 109 | 110 | 100 |
अंडमान-निकोबार में जल्द बारिश की उम्मीद
मौसम विभाग का कहना है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मानसूनी बारिश 13 मई तक शुरू हो सकती है।
अर्थव्यवस्था के लिए मानसून बेहद अहम
भारत में सालभर की कुल बारिश का लगभग 70% हिस्सा मानसून के दौरान होता है। देश के 70% से 80% किसान फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं। इसलिए मानसून की स्थिति का फसल उत्पादन और महंगाई पर सीधा असर पड़ता है।
अगर मानसून कमजोर रहता है तो पैदावार घट सकती है, जिससे महंगाई बढ़ने की आशंका होती है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 20% है और यह देश की आधी आबादी को रोजगार देता है।
अच्छी बारिश, मजबूत इकोनॉमी
अगर मानसून अच्छा रहता है तो किसानों की आमदनी बढ़ सकती है, खासकर फेस्टिव सीजन से पहले। इससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ती है, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है।
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