हाइलाइट्स
- पदोन्नति में आरक्षण
- बैठक में बनी नियमों पर सहमति
- अब कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार
Reservation in Promotion Draft Approved by CS Anurag Jain: राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण लागू करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। हाल ही में मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने वरिष्ठ अधिकारियों की समिति द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावित नियमों का प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में नियमों पर लगभग सहमति बन गई है और अब इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
यदि सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार हुआ तो अप्रैल 2016 से रुकी पदोन्नति प्रक्रिया सितंबर 2025 से फिर से शुरू हो सकती है। इससे प्रदेश के करीब चार लाख अधिकारी और कर्मचारी लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहले ही पदोन्नति नियमों को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया था।
नए नियमों की प्रमुख बातें
1. आरक्षण का वर्टिकल फार्मूला
पदों का बंटवारा आरक्षण के अनुपात में किया जाएगा। अनुसूचित जनजाति (अजजा) के पद पहले, फिर अनुसूचित जाति (अजा), और अंत में अनारक्षित वर्ग के पद भरे जाएंगे। यदि किसी वर्ग के लिए पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलते तो पद रिक्त रहेंगे, पर शेष पदों पर पदोन्नति जारी रहेगी।
2. डीपीसी सितंबर से नवंबर में
हर साल पदोन्नति की विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक सितंबर से नवंबर के बीच होगी और 31 दिसंबर तक पात्रता का निर्धारण किया जाएगा।
3. अधिक अभ्यर्थियों को बुलाने की व्यवस्था
रिक्त पदों की संख्या के दो गुना और अतिरिक्त चार अभ्यर्थियों को प्रमोशन के लिए बुलाया जाएगा। जैसे यदि छह पद रिक्त हैं, तो 16 अभ्यर्थी (12 + 4) बुलाए जाएंगे।
4. पूर्व की पदोन्नति सुरक्षित
पहले से जिन कर्मचारियों को पदोन्नति मिल चुकी है, उन्हें रिवर्ट नहीं किया जाएगा। पुराने कर्मचारियों को भी नए नियमों का लाभ मिल सकता है।
5. प्रमोशन का आधार
क्लास वन अधिकारियों के लिए पदोन्नति में “मैरिट कम सीनियरिटी” (योग्यता पहले, फिर वरिष्ठता) और अन्य पदों के लिए “सीनियरिटी कम मैरिट” (वरिष्ठता पहले, फिर योग्यता) का फॉर्मूला लागू होगा।
6. एसीआर का महत्व
प्रमोशन में गोपनीय चरित्रावली (ACR) अहम होगी। पिछले दो वर्षों में एक “आउटस्टैंडिंग” या पिछले सात वर्षों में चार वर्षों की “ए-प्लस” रेटिंग आवश्यक होगी। क्लास वन पदों के लिए पिछले पांच वर्षों की ACR भी देखी जाएगी। यदि किसी वर्ष की ACR कर्मचारी की गलती से उपलब्ध नहीं है तो डीपीसी में उनका नाम नहीं जोड़ा जाएगा।
समूहों की राय भी शामिल
नए प्रस्ताव को लेकर सपाक्स और अजाक्स जैसे संगठनों ने भी सामान्य प्रशासन विभाग को अपनी राय दी है। सुप्रीम कोर्ट की नागराज कमेटी की तीनों शर्तों प्रतिनिधित्व, योग्यता और पिछड़ापन का पालन भी प्रस्ताव में किया गया है।
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