हाइलाइट्स
- 30 साल से परियोजना पर चल रहा काम
- 1.23 लाख हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
- MP के बुरहानपुर, खंडवा में बढ़ेगा भूजल स्तर
MP Maharashtra Tapti Basin Mega Recharge Project Update: ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना (Tapti Basin Mega Recharge Project) के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच 10 मई 2025 को मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टेंडिंग (understanding memorandum) एमओयू (MOU) होगा।
जिसमें MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (CM Devendra Fadnavis) के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह मध्यप्रदेश की तीसरी नदी जोड़ो परियोजना (river linking project) होगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पर एमओयू की तारीख की घोषणा करते हुए कहा कि एक-एक नदी के एक-एक बूंद जल का प्रॉपर उपयोग हो। राष्ट्र, राज्य, किसान के हित में हो। नगरीय आबादी को पीने के लिए रहे। उद्योगों के लिए भी मिले। परियोजना का उद्देश्य ताप्ती नदी को तीन धाराओं में मोड़कर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य के सूखे क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।
‘ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना’
जलसमृद्धि की दिशा में बढ़ते कदम➡️ प्रदेश की तीसरी नदी जोड़ो परियोजना
➡️ मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच 10 मई को ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के लिए होगा एमओयू @PMOIndia @DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/gKqvvSdynC
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) May 8, 2025
1.23 लाख हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित
ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के तहत प्रदेश के 1 लाख 23 हजार 82 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा भूमिगत जल संग्रहण का विस्तार किया जाएगा। जिससे एमपी के बुरहानपुर (Burhanpur) और खंडवा (Khandwa) जिलों को सुविधा मिलेगी।
तीन राज्यों के साथ एमपी तीसरा एमओयू
मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) के साथ नदी जोड़ो परियोजना (River linking project) पर आगे कदम बढ़ा चुका हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश के साथ केन (Ken), बेतवा (Betwa) नदी जोड़ो परियोजना, राजस्थान के साथ पार्वती (Parvati), कालिसिंध (Kalisindh), चंबल (Chambal) नदी जोड़ो परियोजना के बाद अब मध्यप्रदेश के साथ ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना पर एमओयू करने जा रहा हैं।

31.13 हजार टीएमसी पानी का होगा इस्तेमाल
इस परियोजना में कुल 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (TMC) पानी का इस्तेमाल होगा। इसमें से 11.76 टीएमसी पानी MP और 19.36 TMC पानी महाराष्ट्र को मिलेगा। इससे MP के 1,23,082 हेक्टेयर और महाराष्ट्र के 2,34,706 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई प्रस्तावित हैं।
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8.31 टीएमसी क्षमता का छोटा बांध बनेगा
एमपी-महाराष्ट्र बॉर्डर के खरिया गुटीघाट वियर में 8.31 टीएमसी क्षमता का पानी रोकने वाला छोटा बांध बनेगा। इससे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर (Burhanpur), खंडवा (Khandwa) जिलों के बुरहानपुर सहित नेपानगर (Nepanagar), खकनार (Khaknar) और खालवा (Khalwa) तहसीलों को सीधा फायदा मिलेगा।
जानें कहां, कितनी लंबी बनेगी नहर
– दाहिनी तट नहर (Right Bank Canal) 221 किमी लंबी बनेगी। एमपी में यह नगर 110 किमी लंबी बनेगी। इससे राज्य के 55,089 हेक्टेयर खेतों को पानी मिलेगा।
– बाईं तट नहर (Left Bank Canal) 135.64 किमी लंबी होगी, जिसमें से 100.42 किमी एमपी में बनेगी। इससे 44,993 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।
– बाईं तट नहर (द्वितीय चरण) 123.97 किमी लंबी होगी, जिसमें से 14 किमी सुरंग होगी। इसका फायदा महाराष्ट्र के 80,000 हेक्टेयर क्षेत्र को मिलेगा।
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