Bilaspur News: बिलासपुर शहर में अवैध विज्ञापनों पर नगर निगम ने सख्त रुख अपनाया है। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों, स्ट्रीट लाइट खंभों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बिना अनुमति लगाए गए बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
इस कड़ी में आचार्य इंस्टीट्यूट (Acharya Institute) को नियमों का उल्लंघन करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।
बिजली के खंभों और सरकारी संपत्तियों पर लगाए गए थे पोस्टर
आचार्य इंस्टीट्यूट ने बिना नगर निगम की अनुमति के अपने संस्थान का प्रचार करने के लिए सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों का उपयोग किया।
शहर भर में बिजली के खंभों, पेड़ों और चौक-चौराहों पर संस्था के फ्लेक्स, बैनर और होर्डिंग्स लगाए गए थे। यह कार्य ‘विज्ञापन (पंजीयन एवं विनियमन) आदर्श उपविधि 2012’ का सीधा उल्लंघन है।
निगम ने खुद हटवाए पोस्टर, अब भरना होगा जुर्माना
नगर निगम ने इन सभी अवैध विज्ञापन सामग्री को अपने श्रमिकों और संसाधनों की मदद से हटवाया। इसके लिए संस्था को 50 हजार रुपये की लागत भरने का आदेश दिया गया है।
निगम ने कहा है कि यह राशि 24 घंटे के भीतर निगम कोष में जमा की जाए, अन्यथा संस्था को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
दोबारा गलती पर होगी सीधी कार्रवाई
निगम ने आचार्य इंस्टीट्यूट को स्पष्ट चेतावनी दी है कि भविष्य में अगर बिना अनुमति कोई प्रचार सामग्री लगाई जाती है, तो न केवल संस्था को सील किया जाएगा बल्कि विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
नगर निगम की यह कार्रवाई शहर में अवैध विज्ञापनों पर नियंत्रण लाने की दिशा में एक सख्त कदम माना जा रहा है।
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