UP MSME Department Review Meeting: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने विभाग के कामकाज को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश दिए और प्रदेश में चल रही योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की।
युवा उद्यमियों को पहले मिले ट्रेनिंग, फिर मिले लोन
योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया कि जो भी युवा एमएसएमई क्षेत्र में आगे आना चाहते हैं, उन्हें पहले पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाए। उसके बाद ही उन्हें ऋण या आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि व्यवसाय सफल हो सके।
बाजार की मांग के हिसाब से अपडेट हों एमएसएमई इकाइयां
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से साफ कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को बाजार की बदलती जरूरतों के मुताबिक खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने ज़ोर दिया कि बिना मांग के उत्पादन करने से नुकसान ही होगा, इसलिए पहले रिसर्च करें और फिर प्लानिंग करें।
हर शहर में बने फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स
सीएम योगी ने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा नगरों में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाए जाएं। इसके लिए उन्होंने निजी क्षेत्र को भी आमंत्रित करने को कहा ताकि बड़े स्तर पर रोजगार और निवेश के अवसर बन सकें।
रिक्त पदों पर विशेषज्ञ हों तैनात
एमएसएमई विभाग में जो पद खाली हैं, उन पर जल्द से जल्द अनुभवी और विजनरी लोगों को तैनात करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभवी लोगों के जरिए ही योजनाओं को धरातल पर बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है।
प्रशिक्षण से सुधरेगी पैकेजिंग और ब्रांडिंग
मुख्यमंत्री ने पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग को एमएसएमई उत्पादों की सबसे बड़ी ज़रूरत बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए उद्यमियों को खास प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना सकें।
ओडीओपी से बदला प्रदेश का परंपरागत उद्योग
योगी आदित्यनाथ ने एक ज़ोरदार बात कही कि “एक जिला एक उत्पाद” (ODOP) योजना ने प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला और लघु उद्योगों को फिर से जीवित कर दिया है। आज ये उद्योग स्थानीय पहचान के साथ वैश्विक स्तर पर भी उभर रहे हैं।
जीआई टैग को मिले नई पहचान
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 77 उत्पादों को अभी तक जीआई टैग मिल चुका है, और 25 और उत्पादों पर प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने 2025 में 77 और उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का लक्ष्य रखा है।
उद्यमियों को बनाएं जीआई ऑथराइज्ड यूजर
उन्होंने यह भी कहा कि जिन उत्पादों को जीआई टैग मिला है, उनसे जुड़े उद्यमियों को ‘जीआई अधिकृत उपयोगकर्ता’ के रूप में पंजीकृत किया जाए ताकि उन्हें मार्केट में ज्यादा फायदा मिल सके।
सीएम फेलो प्रोग्राम की हो निरंतर निगरानी
बैठक में मुख्यमंत्री ने ‘सीएम फेलो’ प्रोग्राम की भी समीक्षा की और निर्देश दिए कि फेलोज़ के कार्यों की नियमित निगरानी होनी चाहिए, ताकि योजनाओं का प्रभाव सही समय पर देखा जा सके।
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