CM Vishnu Deo Sai: प्रदेश में सुशासन तिहार के अंतर्गत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कबीरधाम जिले के सबसे सुदूर और दुर्गम गांव दलदली में पहुंचकर राज्य की संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था का परिचय दिया। आदिवासी और बैगा समुदाय के बहुल इस सीमावर्ती गांव में मुख्यमंत्री की आमद से ग्रामीणों में गहरी खुशी और उम्मीद का माहौल बन गया।
मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर समाधान शिविर की शुरुआत की। उन्होंने यहां बेहद आत्मीयता से ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और कई बड़ी घोषणाएं भी कीं।
पीने के पानी की समस्या का स्थायी समाधान
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि अब दलदली समेत आसपास के वनांचल क्षेत्रों में पीने के पानी की किल्लत नहीं रहेगी। उन्होंने स्थानीय कनई नदी से जल लाकर घर-घर पहुंचाने की योजना की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने कबीरधाम जिले की दो बड़ी जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी दी—
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छीरपानी जलाशय से कुसुमघटा योजना: 123 करोड़ रुपये की लागत से 66 गांवों को मिलेगा पानी
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रामपुर-ठाठापुर-दशरंगपुर-सूतियापाठ योजना: 78.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति, 54 गांव होंगे लाभान्वित
18 लाख परिवारों को मिलेगा अपना घर
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 18 लाख नए मकानों को मंजूरी दी है। ग्रामीणों से उन्होंने अपील की कि फेस-2 के सर्वेक्षण में वे सक्रिय रूप से भाग लें और सुनिश्चित करें कि कोई पात्र व्यक्ति छूटे नहीं।
किसानों और महिलाओं को राहत की सौगात
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी कर रही है। इसके अलावा दो वर्षों का बोनस भी दिया गया है। महिलाओं को महतारी वंदन योजना (Mahtari Vandan Yojana) के माध्यम से सीधे आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिससे 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहकों और श्रद्धालुओं के लिए भी खुशखबरी
तेंदूपत्ता संग्रहकों के लिए मानक बोरे की दर बढ़ाकर 5500 रुपये कर दी गई है। वहीं, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना (Mukhyamantri Teerth Yatra Yojana) को फिर से प्रारंभ कर दिया गया है। अयोध्या धाम के दर्शन हेतु 22 हजार लोगों को लाभ मिल चुका है।
योजनाओं का फीडबैक भी लिया गया
मुख्यमंत्री ने मौके पर ही प्रधानमंत्री आवास योजना, जनमन योजना (PM Janman Yojana), महतारी वंदन योजना, खाद्यान्न योजना और मनरेगा (MNREGA) सहित अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन का फीडबैक भी लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
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