हाइलाइट्स
- तहसीलदार-पटवारी पर गलत नामांतरण का आरोप
- शिकायत पर EOW ने दर्ज करा दी एफआईआर
- जांच में सही मिली तहसीलदार-पटवारी की कार्रवाई
MP Patwari Tehsildar Vs EOW: आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के खिलाफ सोमवार, 5 मई को प्रदेशभर के तहसीलदार और पटवारियों ने मोर्चा खोल दिया। प्रदेश के सभी जिलों में तहसीलदार (Tehsildar) और पटवारियों (Patwari) ने काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध किया। शाम को सभी जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें उन्होंने झूठी FIR दर्ज कराने वाले EOW अफसरों को सस्पेंड (suspend) करने की मांग की। तहसीलदार और पटवारी संघ ने चेताया है कि कार्रवाई नहीं होने तक अगले सात दिन तक विरोध जारी रहेगा।
दरअसल, जुलाई 2024 में प्रेमनगर निवासी अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह ग्रेवाल (Advocate Bhupinder Singh Grewal) ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि गोरखपुर (gorakhpur) तहसील के तहसीलदार भरत कुमार सोनी (Tehsildar Bharat Kumar Soni) और पटवारी शिखा तिवारी (Patwari Shikha Tiwari) ने फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र (fake death certificate) के आधार पर उनकी पारिवारिक संपत्ति का नामांतरण गलत तरीके से कर दिया। इस आधार पर 24 अप्रैल 2025 को EOW ने IPC की धाराओं 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत दोनों अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर दी।
EOW के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध
मामला सामने आने पर EOW के खिलाफ प्रदेशभर से विरोध के स्वर उठने लगे। राजस्व अधिकारियों का कहना है कि FIR बिना पर्याप्त जांच (investigation) और तथ्यों (facts) के आधार पर की गई है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग के साथ-साथ संबंधित EOW अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है।
तहसीलदार-पटवारी की जांच सही
जबलपुर (Jablpur) में तहसीलदार और पटवारियों ने कलेक्टर दीपक सक्सेना (Collector Deepak Saxena) से जांच की मांग की। कलेक्टर द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति में ADM मिशा सिंह, ADM नाथूराम और SDM अभिषेक सिंह ने जांच की। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि दोनों अधिकारियों ने नियमों के अनुसार कार्य किया और उनकी कोई गलती नहीं थी। इसके बाद तहसीलदार ने पुराने आदेश को रद्द कर नया आदेश पारित किया।
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सीएस, पीएस से FIR निरस्ती की मांग
शिकायत में खाता और खसरा नंबरों में गलती पाई गई थी, जिसे पटवारी ने पहचाना और तहसीलदार को सूचित किया। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर कलेक्टर ने राज्य के मुख्य सचिव (CS), प्रमुख सचिव (PS) और EOW डीजी को रिपोर्ट भेजकर FIR निरस्त करने की अनुशंसा की है।
जानकारी लिए बिना की गई FIR
तहसीलदार संघ के अध्यक्ष शशांक दुबे ने कहा कि राजस्व अधिकारियों से जानकारी लिए बिना यह FIR की गई, जबकि ऐसे मामलों में उनके सहयोग की जरुरत होती है। संघ की ओर से कहा गया कि मृत्यु प्रमाणपत्र की सत्यता जांचना पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं होती। सोमवार को भोपाल (Bhopal) में भी तहसीलदार व पटवारी संघ ने ज्ञापन सौंपा।
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