Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा (BJP) पर बस्तर (Bastar) की खदानों को अडानी समूह (Adani Group) को सौंपने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने अपने पोस्ट में दावा किया कि बस्तर की 4 लौह अयस्क खदानों (Iron Ore Mines) में 58 बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जिससे बस्तर के खनिज संसाधनों पर पूंजीपतियों की नजर है।
पोस्ट में अडानी प्रमुख गौतम अडानी (Gautam Adani) की दूरबीन लिए एक तस्वीर लगाकर लिखा गया, “छत्तीसगढ़ महतारी (Chhattisgarh Mahtari) की आड़ में बाप का कर्ज उतारने लगे।” कांग्रेस ने भाजपा पर सवाल उठाते हुए लिखा, “नक्सल की आड़ में बस्तर साफ, आदिवासियों का अबूझमाड़ साफ, अडानी-आर्सेलर का कर्जा माफ, जल, जंगल, जमीन का रास्ता साफ।”
भाजपा ने जताई तीखी आपत्ति
भाजपा ने इस पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी के आगे ‘बाप’ शब्द का प्रयोग अपमानजनक है। भाजपा ने कहा, “छत्तीसगढ़ महतारी हमारे लिए पूजनीय हैं। स्वयं भगवान राम भी छत्तीसगढ़ महतारी की संतान माने जाते हैं। कांग्रेस की सोच घिनौनी और अपमानजनक है।”
भाजपा ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि नक्सलियों के सफाए से कांग्रेस को तकलीफ हो रही है, क्योंकि उनका राजनीतिक और आर्थिक फायदा नक्सलवाद से ही जुड़ा रहा है।
कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी के आगे किसी को 'बाप' की उपमा देना घोर आपत्तिजनक है। स्वयं भगवान राम भी छत्तीसगढ़ महतारी के संतत है और ये गंदी सोच के लोग छत्तीसगढ़ महतारी के लिए ऐसी ओछी बात करते हैं।
जाहिर है नक्सलियों के खात्मे की पीड़ा कांग्रेस को जमकर हो रही है, नक्सलियों के… https://t.co/6xLqHGGpI6
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) May 4, 2025
कांग्रेस की अडानी विरोधी लाइन पर दोबारा बहस
कांग्रेस के पोस्ट में अडानी और आर्सेलर मित्तल (ArcelorMittal) जैसे उद्योगपतियों का जिक्र करते हुए यह इशारा किया गया कि भाजपा की सरकार बस्तर के खनिज संसाधनों को कॉर्पोरेट घरानों को सौंप रही है।
हालांकि भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि अडानी को छत्तीसगढ़ में जो सबसे बड़ा काम मिला था, वह कांग्रेस सरकार के दौरान ही मिला था। भाजपा ने कहा, “कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।”
बस्तर में नक्सल सफाई और खनन निवेश का नया समीकरण
भाजपा सरकार ने बस्तर से नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब सरकार वहां निवेश को बढ़ावा देने के लिए खदानों के आवंटन की प्रक्रिया में तेजी ला रही है। कांग्रेस इसी मुद्दे को आधार बनाकर सरकार को आदिवासी विरोधी और कॉर्पोरेट परस्त बता रही है।
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