Amarjeet Bhagat: भाजपा (BJP) के सत्ता में आने के महीनों बाद भी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अब तक पूर्ण मंत्रिमंडल (Cabinet) का गठन नहीं हो सका है। इससे शासन व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। कई अहम विभागों में निर्णय अटके हुए हैं और आम जनता असमंजस में है। इस देरी को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है।
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) ने इस मुद्दे पर भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, “भाजपा नेता अब तक केवल आश्वासन और उम्मीदों के भरोसे बैठे हैं। जिन नेताओं को मंत्री बनाया जाना है, वे अब तक इंतज़ार करते-करते दुबले हो गए हैं।”
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आरएसएस और भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं: भगत
भगत ने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के पीछे केवल प्रशासनिक कारण नहीं हैं, बल्कि भाजपा और आरएसएस (RSS) के बीच सामंजस्य की कमी भी बड़ी वजह है। उन्होंने कहा, “नागपुर लॉबी और गुजरात लॉबी के बीच अंदरूनी खींचतान चल रही है, जब तक दोनों के बीच सहमति नहीं बनती, तब तक कोई बड़ा फैसला नहीं होगा।”
संगठन में बदलाव के बाद होगा विस्तार
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन (BJP National Organization) में बदलाव की तैयारी चल रही है। नया राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) नियुक्त होने के बाद ही छत्तीसगढ़ में मंत्रीमंडल विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी फिलहाल संगठनात्मक संतुलन बनाने में जुटी है।
नीति निर्धारण में देरी से विभाग प्रभावित
फिलहाल राज्य में सीमित संख्या में मंत्री हैं, जिससे कई विभागों में फैसले लंबित हैं। विशेष रूप से शिक्षा विभाग (Education Department) में स्थायी मंत्री की अनुपस्थिति से नीतिगत निर्णयों में रुकावट आई है।
जहां विपक्ष इसे भाजपा की आंतरिक विफलता बता रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे एक सुविचारित राजनीतिक प्रक्रिया करार दे रहा है। लेकिन आम जनता और प्रशासनिक महकमे में इसे लेकर असमंजस बना हुआ है।