Sukma Tendu Leaf Scam: छत्तीसगढ़ के सुकमा वनमंडल में हुए तेंदूपत्ता बोनस घोटाले पर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल रामेन डेका (Governor Ramesh Bais) को पत्र लिखते हुए इस घोटाले को गरीब आदिवासियों के हक पर सीधा हमला बताया है। उन्होंने सरकार की जांच प्रक्रिया को लीपापोती करार देते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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8.21 करोड़ की राशि में गबन, 67 हजार आदिवासी हुए प्रभावित
घोटाले का मामला वर्ष 2021-22 का है, जिसमें तेंदूपत्ता संग्रहण (Tendu Leaf Collection) करने वाले 67,732 आदिवासी संग्राहकों को 8.21 करोड़ रुपये की बोनस (Bonus) राशि मिलनी थी। लेकिन यह पैसा उन तक कभी पहुंचा ही नहीं। अधिकारियों ने कागजों में बोनस वितरण की जानकारी पूरी बता दी, लेकिन जमीनी हकीकत में वितरण नहीं हुआ।
महंत का आरोप– एक अधिकारी को निलंबित कर ली गई खानापूर्ति
डॉ. महंत ने आरोप लगाया कि इस करोड़ों के घोटाले में 25 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों (Forest Produce Societies) के प्रबंधक, पोषक अधिकारी और डीएफओ समेत वन विभाग के कई अधिकारी शामिल थे। बावजूद इसके केवल एक अधिकारी को निलंबित कर खानापूर्ति की गई, जबकि अन्य दोषियों को फिर से तेंदूपत्ता संग्रहण की जिम्मेदारी दे दी गई है।
मांग– सभी पर हो आपराधिक केस, मिले सजा
महंत ने पत्र में मांग की है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1980 (Prevention of Corruption Act 1980) के तहत सभी दोषियों पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी हो। साथ ही उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच भी की जाए।
विधानसभा में दिया गया था ग़लत जवाब
महंत ने यह भी बताया कि विधानसभा के बजट सत्र में जब यह मामला उठा, तब वन मंत्री ने झूठा बयान दिया कि 100 प्रतिशत बोनस का वितरण हो चुका है। जबकि सच्चाई इसके उलट थी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सतर्कता से खुला मामला
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सजगता से ही यह घोटाला सामने आया। छापेमारी के बाद जब फाइलें खंगाली गईं, तब जाकर असलियत उजागर हुई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए भी नगद में बोनस बांटने के लिए बजट जारी हुआ था, लेकिन इसे भी वितरित करने की बजाय गबन कर लिया गया।