CG Congress Swasthya Nyay Yatra: बिलासपुर में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और अपोलो हॉस्पिटल (Apollo Hospital) में फर्जी डॉक्टर (Fake Doctor) के चलते हुई मरीज की मौत के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए ‘स्वास्थ्य न्याय यात्रा’ (Swasthya Nyay Yatra) निकाली।
यह यात्रा फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र जॉन केम (Narendra John Kem) द्वारा इलाज के दौरान कथित लापरवाही और धोखाधड़ी के विरोध में आयोजित की गई।
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वरिष्ठ नेताओं की अगुआई में निकली रैली
इस रैली में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij), नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत (Charandas Mahant), पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo), विधायक देवेंद्र यादव (Devendra Yadav) सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह केवल एक रैली नहीं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य अधिकार के लिए संघर्ष की शुरुआत है।
स्वास्थ्य सेवाएं अधिकार हैं, न कि सौदा- कांग्रेस
कांग्रेस नेताओं ने अपोलो हॉस्पिटल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि “स्वास्थ्य सेवाएं लोगों का मूल अधिकार हैं, न कि कोई व्यापारिक सौदा। अपोलो जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल को जवाबदेह बनना होगा।” उन्होंने मांग की कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
2006 से जुड़ा है फर्जी डॉक्टर का पुराना इतिहास
गौरतलब है कि नरेंद्र जॉन केम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपोलो हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में काम किया था। जांच में सामने आया कि 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल (Pandit Rajendra Prasad Shukla) की मौत में भी यही डॉक्टर शामिल था। उसने बिना मान्यता प्राप्त डिग्री के इलाज किया था।
पुलिस जांच में तेजी, प्रोडक्शन वारंट पर हुई पूछताछ
सरकंडा पुलिस ने स्व. राजेंद्र शुक्ल के परिजनों की शिकायत पर 19 अप्रैल को आरोपी डॉक्टर के खिलाफ IPC की धारा 420, 466, 468, 471, 304, 34 के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को दमोह से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ शुरू की है। साथ ही अपोलो हॉस्पिटल प्रबंधन की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है।
कांग्रेस ने कहा- जब तक न्याय नहीं, तब तक संघर्ष
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन यहीं नहीं रुकेगा। पार्टी तब तक आवाज उठाती रहेगी जब तक पीड़ित परिवार को न्याय और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो जाता।
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