हाइलाइट्स
- तीन ग्रामीण और स्टॉफ को घायल कर चुकी थी बाघिन
- 10 दिन टाइगर रिजर्व की टीम ने निगरानी की
- तीन हाथी, 50 स्टॉफ की मदद से रेस्क्यू किया
MP Umaria Bandhavgarh Tiger Attack: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ग्राम कोठिया (Kothiya) और कुशमाहा (Kushmaha) के पतौर रेंज (Patour renj) के पनपथा बीट (Panpathabit) के कक्ष क्रमांक आरएफ 428 में बाघिन को रेस्क्यू (rescue) किया गया है।
रेस्क्यू में गणेश (Ganesh), सूर्या (Surya), लक्ष्मण (Lakshaman) नाम के के हाथी (Hathi) की मदद ली गई। इसमें टाइगर रिजर्व टीम के 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे। यह रेस्क्यू आज यानी शुक्रवार, 2 मई सुबह किया गया।
दरअसल पिछले महीने इस 7 वर्षीय बाघिन (Tiger) ने तीन लोगों को घायल कर दिया था। जिसमें 21 अप्रैल को कुशमाहा गांव के पास दो ग्रामीण और 28 अप्रैल को एक वन कर्मी पर हमला कर दिया था। रेस्क्यू के लिए भोपाल स्थित पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ से मंजूरी ली गई। जिसके बाद से टाइगर रिजर्व (TigerReserve) की टीम के 20 से अधिक कर्मचारी निगरानी में जुट गए। इसके लिए हाथियों और वाहनों का इस्तेमाल किया गया।
रेस्क्यू में 50 अफसर, कर्मियों की टीम पहुंची
ग्राम कोठिया और कुशमाहा के पतौर रेंज के पनपथा बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 428 में बाघिन की लोकेशन ट्रेस हुई। जिसके बाद टाइगर रिजर्व टीम ने 50 से ज्यादा अफसर-कर्मचारियों के साथ रेस्क्यू किया। इसमें बाघिन को काबू करने गणेश, सूर्या और लक्ष्मण नाम के हाथी का इस्तेमाल किया। रेस्क्यू के दौरान बाघिन ने एक सीनियर वाहन चालक पर हमला कर दिया था। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
बहेरहा इनक्लोजर में होगा बाघिन का इलाज
बांधवगढ़ (Bandhavgarh) टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र रेंजर (Renjar) अर्पित मैराल (ArpitMairal) ने बताया कि खूंखार और घायल बाघिन को मगधी कोर जोन के बहेरहा इनक्लोजर (enclosure) में शिफ्ट किया गया है। यह इनक्लोजर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है। इलाज के दौरान देखा जाएगा कि व्यवहार कैसा है। बाघिन के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। इलाज के बाद बाघिन को दोबारा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ दिया जाएगा।
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