Weightlifter Dadi: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ की रहने वाली 67 साल की कमला देवी मंगतानी ने वो कर दिखाया जो अक्सर युवा भी सोच नहीं पाते। दुबई में हुए अंतरराष्ट्रीय खेल महाकुंभ में उन्होंने तीन गोल्ड और एक सिल्वर मेडल (Weightlifter Dadi) जीतकर सबको हैरान कर दिया।
कमला देवी पिछले 40 साल से डायबिटीज से परेशान हैं। हालत इतनी बिगड़ गई थी कि बैसाखी का सहारा लेना पड़ा और डॉक्टरों ने घुटना बदलवाने की सलाह दी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने जिम जाना शुरू किया, खुद को फिट किया और आज वेटलिफ्टिंग की चैंपियन बन गई हैं।
जिम में वेटलिफ्टिंग सीखी, 100 मेडल जीते
पिछले 5 सालों से वो रोज जिम जा रही हैं, वहीं से वेटलिफ्टिंग (Weightlifter Dadi) सीखी। मेहनत और हिम्मत से उन्होंने अब तक 100 से ज्यादा गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिए हैं। दुबई में हुए मुकाबले में उन्होंने वेटलिफ्टिंग, स्विमिंग, तवा फेंक और गोला फेंक में हिस्सा लिया।
दुनिया के खिलाड़ी भी रह गए पीछे
इस मुकाबले में पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और भारत समेत कई देशों के खिलाड़ी (Weightlifter Dadi) शामिल थे। भारत से करीब 200 खिलाड़ी पहुंचे थे। राजनांदगांव से भी तीन खिलाड़ी इस इवेंट में शामिल हुए। प्रतियोगिता 22 से 28 अप्रैल 2025 तक दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल की मदद से आयोजित की गई थी।
दुबई से आया सीधा निमंत्रण
कमला देवी को दुबई से प्रत्यक्ष निमंत्रण मिला था। उन्होंने बताया कि दुबई का माहौल, साफ-सफाई और आयोजन की व्यवस्था बेहतरीन थी। प्रतियोगिता में एक 82 साल की महिला खिलाड़ी भी थीं, जिसने यह दिखाया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
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जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती
कमला देवी कहती हैं, अगर हौसला हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। जिस उम्र में लोग रिटायर होकर आराम करते हैं, उस उम्र में उन्होंने भारत का तिरंगा दुनिया के सामने ऊंचा किया है।
लाखों लोगों के लिए मिसाल बनीं
कमला देवी की कहानी आज हर महिला और बुजुर्ग के लिए प्रेरणा है। उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से हर सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे उम्र कुछ भी हो।
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