क्या है बोरे बासी?
बोरे बासी बहुत ही आसान और पारंपरिक व्यंजन है, जिसमें रात के बचे हुए पके हुए चावल को मिट्टी या कांसे के बर्तन में पानी में भिगोकर रखा जाता है। सुबह इसे प्याज, हरी मिर्च, टमाटर की चटनी और नमक के साथ खाया जाता है। कुछ लोग इसमें चावल के माड़ (rice starch water) को भी मिलाते हैं जिससे इसके पोषण गुण और बढ़ जाते हैं।
क्यों है ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद?
विशेषज्ञों के अनुसार, बोरे बासी में विटामिन बी12 (Vitamin B12), कैल्शियम (Calcium), पोटेशियम (Potassium), आयरन (Iron) और फाइबर (Fiber) जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ पाचन तंत्र को मजबूत करता है और ब्लड प्रेशर व हाइपरटेंशन को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।
नेचर क्योर सेंटर में भी मिलता है सम्मान
महासमुंद जिले के रायतुम गांव (Raytum village) में स्थित एक नेचर क्योर सेंटर में तो मरीजों को बोरे बासी नियमित डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यहां के डॉक्टरों का कहना है कि बोरे बासी से हृदय रोग (heart diseases), त्वचा रोग (skin diseases) और डायरिया जैसी समस्याएं काफी हद तक नियंत्रित होती हैं।
मजदूर दिवस पर बोरे बासी को करें सलाम
आज विश्व मजदूर दिवस (International Labour Day) के मौके पर यह जानना जरूरी है कि कैसे एक साधारण दिखने वाला व्यंजन छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की सेहत और ऊर्जा का बड़ा स्रोत है। यह न केवल पौष्टिक है बल्कि गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडा और हल्का भी बनाए रखता है।
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