हाइलाइट्स
- यूपी रेरा ने 12 कर्मचारियों को लापरवाही पर बर्खास्त किया।
- रिश्वत मामले के बाद रेरा ने भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की।
- बर्खास्त कर्मियों में JE, लेखाकार और ऑपरेटर शामिल हैं।
UP RERA Employees Dismissal: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) ने अपने भीतर पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार 29 अप्रैल को 12 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इन कर्मचारियों पर लापरवाही, अनुशासनहीनता और ईमानदारी पर संदेह के चलते यह सख्त कार्रवाई की गई है।
इन पदों पर बैठे थे बर्खास्त कर्मी
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में तीन कनिष्ठ अभियंता (JE), एक सहायक लेखाकार, चार कंप्यूटर ऑपरेटर, एक हेल्प डेस्क कर्मचारी और एक चपरासी शामिल हैं। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि ये सभी कर्मचारी अपने कार्यों में पारदर्शिता और नैतिक आचरण की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि संस्था अपने कर्मचारियों से उच्च स्तर की सत्यनिष्ठा की अपेक्षा रखती है। सभी कर्मचारियों से ईमानदारी का शपथ-पत्र लिया जाता है और ऑफिस परिसर में सीसीटीवी निगरानी और नियमित गतिविधि मूल्यांकन की व्यवस्था भी है। उन्होंने कहा कि रेरा भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
रिश्वत मामले के बाद कड़ी कार्रवाई
यह कार्रवाई उस समय की गई जब दो दिन पहले ही रेरा के एक सहायक लेखाकार को भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शिकायत ग्रेटर नोएडा में एक आवंटी ने की थी, जिसने मकान खरीदने के दौरान लेखाकार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
रेरा की स्थापना और उद्देश्य
यूपी रेरा की स्थापना 2017 में लखनऊ में हुई थी। इसका क्षेत्रीय कार्यालय 2018 में ग्रेटर नोएडा में खोला गया। इसका उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाना, विकासकर्ताओं की जवाबदेही तय करना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है।
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