हाइलाइट्स
- गर्भवती महिला को अस्पताल में बेड नहीं मिलने का आरोप झूठा
- मामले में जांच करने टीकमगढ़ जिला अस्पताल पहुंचे अधिकारी
- गर्मी से बेचैनी होने पर बाहर आई थी महिला, नहीं थी बेड की कमी
Tikamgarh District Hospital Video Viral: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। टीकमगढ़ की एक गर्भवती महिला का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह जिला अस्पताल के बाहर जमीन पर लेटी नजर आई। दावा किया गया कि उसे इलाज नहीं मिला, लेकिन जब प्रशासन ने जांच की तो मामला कुछ और ही निकला। अस्पताल में गर्भवती महिला को बेड नहीं मिलने का आरोप झूठा निकला है।
प्रशासनिक जांच में सामने आई सच्चाई
दरअसल, टीकमगढ़ में जिला अस्पताल के बाहर लेटी हुई एक गर्भवती महिला का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस नेताओं समेत लोगों ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए हैं। इस वीडियो में दावा किया गया था कि अस्पताल में महिला को बेड नहीं मिलना है, लेकिन वायरल वीडियो के जांच में सामने आया कि महिला नियमित इलाज में थी और वार्ड में लाइट नहीं होने पर गर्मी से घबराहट के कारण खुद बाहर निकली थी। इस दौरान महिला के पैरों में दर्द तेज उठा और वो सामने ही जमीन पर ही लेट गई। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और जांच के बाद प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट की।
महिला का चल रहा था इलाज, वह खुद गई थी बाहर
बताया जा रहा है कि 26 अप्रैल की रात करीब 3:30 बजे कोतवाली थाना क्षेत्र के पठला खेरा निवासी रामेली लोधी जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में भर्ती हुई थीं। 27 अप्रैल की शाम करीब 4 बजे मेटरनिटी वार्ड की बिजली चली गई, जिससे घबराहट और उल्टी की स्थिति में वह बाहर निकल गईं थी। पैरों में दर्द होने के कारण वह अस्पताल परिसर में ही ज़मीन पर लेट गईं। इसी दौरान किसी ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में दावा किया गया कि महिला को अस्पताल में बेड नहीं मिला है।
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वीडियो वायरल, हरकत में आया प्रशासन
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने जांच के आदेश दिए। एसडीएम लोकेंद्र सिंह, तहसीलदार अरविंद यादव और सिविल सर्जन डॉ. अमित शुक्ला ने मिलकर मामले में छानबीन की तो मामला कुछ और सामने आया। जिला अस्पताल पहुंचे अधिकारियों ने जांच में पाया गया कि महिला का नियमित उपचार मेटरनिटी वार्ड में हो रहा था। महिला ने खुद बताया कि गर्मी और घबराहट के कारण वह टहलने बाहर निकली थीं, तभी कमर में दर्द बढ़ गया और वह जमीन पर लेट गईं। अस्पताल में 19 मरीज भर्ती थे और 12 बेड खाली थे। डॉक्टर डीएस भदौरिया ने बेड की कमी की बात को निराधार बताया।
प्रशासन ने दिए आवश्यक निर्देश
मामले में एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर महिला से जानकारी ली। जांच टीम ने महिला से सीधे बात की और फिर मौके पर मौजूद स्टाफ से भी पूछताछ की। प्रशासन की टीम ने अस्पताल प्रबंधन को भविष्य में ऐसी स्थिति न हो इसके लिए सावधानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
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