हाइलाइट्स
- ED की शराब कारोबारियों के 18 ठिकानों पर रेड
- इंदौर, जबलपुर, मंदसौर, भोपाल में छापेमारी
- जालसाजी कर 50 करोड़ से ज्यादा का किया घोटाला
MP ED Raid: मध्यप्रदेश में शराब कारोबार से जुड़े फर्जी चालान घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार सुबह से इंदौर, भोपाल, जबलपुर और मंदसौर सहित कुल 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई।
ईडी ने वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान ट्रेजरी चालान में जालसाजी और हेराफेरी के जरिए सरकारी राजस्व को करोड़ों का चूना लगाने का मामला पकड़ा था। इस मामले में करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का सरकार को नुकसान पहुंचाया गया। इसके लिए अवैध रूप से शराब अधिग्रहण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) हासिल की गई। इस मामले में ED ने शराब ठेकेदारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
मामले में की गई जांच में पता चला कि आरोपी शराब ठेकेदार छोटी-छोटी रकम के चालान तैयार कर बैंक में जमा करते थे। चालान के निर्धारित प्रारूप में ‘रुपए अंकों में’ और ‘रुपए शब्दों में’ लिखे होते थे। मूल्य अंकों में भरा जाता था, हालांकि ‘रुपए शब्दों में’ के बाद खाली जगह छोड़ दी जाती थी। धनराशि जमा करने के बाद, जमाकर्ता बाद में उक्त रिक्त स्थान में बढ़ी हुई धनराशि को लाख हजार के रूप में लिख दिया जाता था तथा ऐसी बढ़ी हुई धनराशि के तथाकथित चालान की प्रतियां संबंधित देशी शराब गोदाम में या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी कार्यालय में जमा कर देता था।
अवैध रूप से NOC भी हासिल की
जांच में यह भी पाया गया है कि इन हेराफेरी किए गए चालानों के आधार पर शराब खरीद के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) भी अवैध रूप से हासिल किए गए थे। इसके चलते सरकार को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा। इस पूरे मामले में ईडी की जांच जारी है और आगे भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
आबकारी उपायुक्त खरे के यहां भी रेड

ईडी ने आबकारी विभाग के उपायुक्त आलोक खरे के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और रीवा के ठिकानों पर भी सोमवार सुबह छापेमारी जारी है। भोपाल में खरे के साथ आबकारी विभाग के एक अन्य अधिकारी के यहां भी सर्चिंग की सूचना है। यह कार्रवाई आबकारी विभाग के फर्जी एफडी मामले से भी जुड़ी बताई जा रही है। हालांकि अभी तक इस मामले में ईडी ने कुछ नहीं बताया है।
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आलोक खरे के यहां रेड में 100 करोड़ का हुआ था खुलासा
ईडी ने आज जिस मामले में आलोक खरे के यहां रेड डाली है। इस केस में लोकायुक्त पुलिस ने छह साल पहले करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा किया था। उस दौरान लोकायुक्त पुलिस ने खरे के घर एवं ऑफिस में भोपाल, इंदौर, रायसेन और छतरपुर में छापेमारी की थी।
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