Yoga Vs Strengthening Exercise For Knees: आज के समय में तेज रफ्तार जिंदगी के चलते लोग अपनी सेहत पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। घंटों बैठे रहने की आदत ने कई शारीरिक समस्याओं को जन्म दिया है। जहां पहले घुटनों और कमर का दर्द उम्र बढ़ने के साथ देखने को मिलता था, वहीं अब युवाओं में भी यह समस्या आम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण है शारीरिक गतिविधियों की कमी।
घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए मांसपेशियों को मजबूत बनाना बेहद जरूरी है। इसमें योगासन और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज दोनों ही मददगार साबित हो सकते हैं। योग से पैरों का रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द में राहत मिलती है, वहीं स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं कि घुटनों के लिए योग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज में क्या फर्क है और किसका चुनाव करना बेहतर रहेगा:
घुटनों के लिए योग के लाभ
- योगासन धीरे-धीरे शरीर के अलग-अलग हिस्सों को स्ट्रेच और मजबूत करते हैं।
- वीरभद्रासन, वज्रासन और ताड़ासन जैसे योगासन घुटनों के आसपास की मांसपेशियों और लिगामेंट्स को मजबूती प्रदान करते हैं।
- नियमित योगाभ्यास से जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, सूजन कम होती है और दर्द में भी राहत मिलती है।
- योग से मानसिक सुकून भी मिलता है, जिससे दर्द का अनुभव हल्का महसूस होता है।
- योग के अभ्यास से घुटनों पर अत्यधिक दबाव नहीं पड़ता, जिससे उनकी सुरक्षा होती है।
स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज के लाभ
- स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज thigh, calf और hip muscles को मजबूती प्रदान करती हैं।
- मजबूत मांसपेशियां घुटनों पर पड़ने वाले भार को संभालने में मदद करती हैं, जिससे उनकी स्थिरता (stability) बढ़ती है।
- स्ट्रेंथनिंग से गिरने या चोट लगने का खतरा भी कम होता है।
- मांसपेशियां मजबूत होने पर चलना, दौड़ना और सीढ़ियां चढ़ना आसान हो जाता है।
- स्क्वैट्स, लेग लिफ्ट्स और ब्रिज पोज जैसी एक्सरसाइज विशेष रूप से फायदेमंद मानी जाती हैं।
किसे चुनें: योग या स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज? (Yoga Vs Strengthening Exercise For Knees)
दोनों ही घुटनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- यदि घुटनों में सूजन है या हल्का दर्द है, तो योग से शुरुआत करना ज्यादा सुरक्षित रहता है, क्योंकि योग में जोड़ो पर अधिक दबाव नहीं पड़ता।
- अगर घुटनों की मांसपेशियां कमजोर हैं और डॉक्टर ने मसल्स मजबूत करने की सलाह दी है, तो स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज उपयुक्त रहेगी।
ध्यान रखने योग्य बातें
- योग या एक्सरसाइज करते समय अगर दर्द बढ़ने लगे तो तुरंत रुक जाएं।
- हमेशा धीरे-धीरे और सही तकनीक से शुरुआत करें।
अपने शरीर की सीमाओं को समझें और जबरदस्ती न करें।
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