CG News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) के दौरान पार्टी के अनुशासन को तोड़ने वाले नेताओं पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव (Kiran Singhdev) के निर्देश पर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (Gaurela-Pendra-Marwahi) क्षेत्र के दो नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में समीर पैकरा (Sameer Paikara) और उपेंद्र बहादुर (Upendra Bahadur) को सात दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि तय समय में संतोषजनक जवाब नहीं आया, तो दोनों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया जाएगा।
पार्टी विरोधी गतिविधियों पर मिलेगी सख्त सजा
बीजेपी नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि पंचायत चुनाव में अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि पार्टी के सिद्धांतों और फैसलों के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि संगठन में एकता और अनुशासन बना रहे।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी कार्यकर्ताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे संगठन की प्राथमिकताओं का सम्मान करें और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को पार्टी हित से ऊपर न रखें।
पंचायत चुनाव में कई जगहों पर दिखी बगावत
गौरतलब है कि पंचायत चुनावों के दौरान कई जिलों से पार्टी कार्यकर्ताओं के बगावत करने की खबरें सामने आई थीं। पार्टी ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए असंतुष्ट नेताओं को कड़ा संदेश देने का फैसला किया है। समीर पैकरा और उपेंद्र बहादुर के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से साफ है कि बीजेपी संगठनात्मक अनुशासन के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी।
संगठन की एकता पर फोकस
बीजेपी का यह कदम न सिर्फ बागी गतिविधियों पर लगाम लगाने का प्रयास है, बल्कि आने वाले चुनावों के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने की दिशा में भी एक ठोस रणनीति है। इससे अन्य कार्यकर्ताओं को भी यह स्पष्ट संदेश मिलेगा कि अनुशासनहीनता का परिणाम बहुत भारी पड़ सकता है।
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