Bilaspur GGU Namaz Controversy: बिलासपुर (Bilaspur) के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas University – GGU) के एनएसएस (NSS) कैंप में जबरन नमाज (Namaz) पढ़वाने के मामले ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है।
कोनी थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और अन्य हिंदू संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया था।
एसएसपी ने लिया मामले का संज्ञान
बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह (SSP Rajneesh Singh) ने खुद कोनी थाना पहुँचकर मामले की जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया और तत्काल सख्त कदम उठाते हुए एनएसएस प्रभारी प्रोफेसर दिलीप झा (Professor Dilip Jha) सहित अन्य कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। पुलिस अब सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर रही है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही की थी कार्रवाई
इस विवाद के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी तुरंत कदम उठाए थे। एनएसएस समन्वयक प्रो. दिलीप झा को हटाकर प्रोफेसर राजेंद्र कुमार मेहता (Professor Rajendra Kumar Mehta) को नई जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साथ ही 12 कार्यक्रम अधिकारियों को भी उनके पद से हटा दिया गया था।
क्या था पूरा मामला?
26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक चले एनएसएस कैंप में कुल 159 छात्रों ने भाग लिया था, जिनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम समुदाय से थे। आरोप है कि 30 मार्च को ईद (Eid) के दिन सभी छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाई गई थी। इस घटना से आक्रोशित छात्रों ने इसकी जानकारी बाहर दी, जिसके बाद विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन दोनों हरकत में आ गए।
आगे हो सकती है और बड़ी कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों पर धार्मिक गतिविधियां जबरन कराने का आरोप है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और भी गंभीर हो सकती है। पूरे मामले की उच्च स्तर पर निगरानी की जा रही है।
एसएसपी ने साफ किया है कि किसी भी धार्मिक गतिविधि के लिए जबरदस्ती करना गंभीर अपराध है और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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