हाइलाइट्स
- रीवा लोकायुक्त ने रोजगार सहायक को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
- योजना की राशि ट्रांसफर करने के एवज में मांगी थी रिश्वत
- शिकायतकर्ता राजेश सिंह की शिकायत पर लोकायुक्त की कार्रवाई
MP Lokayukta Police Action: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लोकायुक्त के कड़े एक्शन के बाद भी सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला शहडोल से सामने आया है, जहां रीवा लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एक रोजगार सहायक को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की टीम ने आरोपी रोजगार सहायक को उसके निवास पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।
रोजगार सहायक ने क्यों मांगी रिश्वत
दरअसल, शहडोल के जयसिंहनगर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत छुदा निवासी राजेश सिंह कंबर ने रिश्वत मामले में लोकायुक्त रीवा में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में राजेश सिंह ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद संबल योजना के तहत स्वीकृत दो लाख रुपए उनकी माता के खाते में ट्रांसफर करने के एवज में रोजगार सहायक चंद्र प्रकाश गुप्ता ने 30 हजार रुपए की डिमांग मांगी। साथ ही, पीएम आवास योजना के लाभ के लिए समग्र आईडी बनाने के लिए में साढ़े तीन रुपए अलग से मांगे गए थे। इस तरह दोनों मिलाकर 33 हजार 500 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। शिकायत के लोकायुक्त रीवा के अधिकारियों ने जांच तेज कर दी।
शिकायत पर लोकायुक्त टीम का ट्रैप ऑपरेशन
मामले में शिकायत के बाद लोकायुक्त रीवा के पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा ने सत्यापन कराया जिसमें सामने आया रोजगार सहायक ने रिश्वत मांग की है। शिकायत की पुष्टि के बाद रिश्तखोर रोजगार सहायक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा के मार्गदर्शन में टीम का गठन किया गया। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने ग्राम छुदा पहुंची और आरोपी को रिश्त की पहली किस्त लेते ट्रैप किया। जैसे ही रोजगार सहायक रिश्वत के 10 हजार रुपए लिए तो लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
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लोकायुक्त का सख्त संदेश
ट्रैप ऑपरेशन निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया और एसआर मरावी की निगरानी में पूरा किया गया। निरीक्षक भदौरिया ने बताया कि लोकायुक्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी सख्ती से अभियान चला रहा है। ऐसे मामलों में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।
अतिक्रमण नहीं हटाने पर हाईकोर्ट सख्त, सागर कलेक्टर को लगाई फटकार, जानें मामला
MP High Court: सागर जिले की नगर पंचायत शाहपुर की जर्जर होती व्यवस्थाओं और लगातार बढ़ते अतिक्रमण के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अब सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने सागर कलेक्टर संदीप जीआर को निर्देशित किया है कि वे एक सप्ताह के भीतर शाहपुर के मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटाएं और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें, अन्यथा व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर हों। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…