Bilaspur Railway Bribery Case: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे मंडल (Bilaspur Railway Division) में रिश्वतखोरी के एक बड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कार्रवाई करते हुए रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद (Chief Engineer Vishal Anand) को गिरफ्तार कर लिया है।
साथ ही उनके भाई कुणाल आनंद (Kunal Anand), ठेकेदार सुशील झाझरिया (Sushil Jhajharia) और उसके कर्मचारी मनोज पाठक (Manoj Pathak) को भी हिरासत में लिया गया है।
ठेके के बदले रिश्वत की डील, CBI की योजना में फंसे आरोपी
सीबीआई की जांच में सामने आया कि चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने रेलवे के करोड़ों रुपए के निर्माण प्रोजेक्ट ठेकेदार की झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (Jhajharia Construction Ltd) को दिलाने के बदले में 32 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
21 अप्रैल को बिलासपुर में सुशील झाझरिया और विशाल आनंद की मुलाकात कंपनी के दफ्तर में हुई थी, जहां डील को अंतिम रूप दिया गया।
रांची में रिश्वत देने पहुंचा कर्मचारी, सीबीआई ने मौके पर दबोचा
रिश्वत की रकम सीधे इंजीनियर को देने के बजाय रांची स्थित उनके भाई कुणाल आनंद को देने की योजना बनी। तय योजना के तहत मनोज पाठक, कंपनी की तरफ से 32 लाख रुपए लेकर रांची पहुंचा।
जैसे ही उसने रकम सौंपी, सीबीआई ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। बरामद की गई रकम कुणाल आनंद के पास से मिली।
रेलवे प्रोजेक्ट्स में घपले की जांच शुरू, बिलासपुर ऑफिस से जब्त हुए दस्तावेज

इसके बाद सीबीआई की 8 से 10 सदस्यों की टीम ने बिलासपुर स्थित झाझरिया कंपनी के ऑफिस पर छापा मारकर वहां से कई दस्तावेज, फाइलें और डिजिटल डेटा जब्त किए।
इन दस्तावेजों में रेलवे के कई ओवरब्रिज (ROB), अंडरब्रिज (RUB), पुल और ट्रैक लाइनिंग (Track Lining) प्रोजेक्ट से संबंधित अहम जानकारी मिली है।
भविष्य में और खुलासों की संभावना
सूत्रों की मानें तो यह मामला और भी बड़ा हो सकता है क्योंकि झाझरिया कंपनी को रेलवे के कई बड़े ठेके पहले भी मिले हैं, जिनमें मिलीभगत (Collusion) की आशंका जताई जा रही है। सीबीआई इन सभी कॉन्ट्रैक्ट्स की गहन जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
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