Dhamtari Water Conservation Plan: धमतरी जिले की पूर्व कलेक्टर नम्रता गांधी (Namrata Gandhi) को जल संरक्षण (Water Conservation) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023 (Prime Minister Award 2023) से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सिविल सर्विस डे (Civil Services Day) समारोह में यह पुरस्कार उन्हें सौंपा गया।
पूर्व कलेक्टर गांधी ने इस उपलब्धि को टीम धमतरी (Team Dhamtari) को समर्पित करते हुए कहा कि जल संरक्षण, फसल चक्र परिवर्तन जैसे विषयों में कामयाबी केवल सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने जिलेवासियों और प्रशासनिक अमले के प्रति आभार जताया।
जीआईएस आधारित योजना बनी सफलता की कुंजी
धमतरी में गांधी के कार्यकाल के दौरान GIS आधारित जल संरक्षण अभियान (GIS Based Water Conservation Campaign) की शुरुआत की गई थी। इसके तहत हर जल संरचना की जीआईएस मैपिंग करवाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में क्लार्ट ऐप (CLART App) के जरिए जमीन की बनावट का विश्लेषण कर जल स्तर सुधारने योग्य संरचनाएं बनाई गईं।
बड़े भवनों, निजी स्कूलों, अस्पतालों, होटल और रेस्टोरेंट्स में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rainwater Harvesting System) और रूफ टॉप स्ट्रक्चर (Rooftop Structure) को अनिवार्य किया गया।
जागरूकता से लेकर पौधारोपण तक चला जन अभियान
अभियान में जनजागरूकता के लिए रैलियां, नुक्कड़ नाटक, दीवार लेखन और वीडियो प्रचार जैसे माध्यमों का उपयोग किया गया। जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) और स्वयंसेवी संगठनों जैसे भारतीय जैन संगठना (Bharatiya Jain Sanghatna), साथी समूह (Saathi Samooh) का योगदान सराहनीय रहा।
फसल चक्र परिवर्तन (Crop Cycle Change) के लिए पंचायत स्तर पर बैठकें हुईं और ग्रामवासियों को वैज्ञानिक तरीके से जल संरक्षण की जानकारी दी गई। बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति लगाव जगाने के लिए शादी-ब्याह और उत्सवों में पौधों को उपहार में देने जैसी पहलें की गईं।
तालाब पुनर्जीवन और उद्योगों की भागीदारी
शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम (Drainage System) सुधारने, तालाबों की सफाई और नालों पर डाईक (Dyke) बनाने का कार्य हुआ। मिट्टी का उपयोग खेतों की उर्वरता बढ़ाने में किया गया। 225 औद्योगिक इकाइयों (Industrial Units) ने CGWB (Central Ground Water Board) के मानकों के अनुरूप जल संरचनाएं बनाईं और राइस मिल्स (Rice Mills) में वाटर फ्लो मीटर (Water Flow Meters) लगाए गए।
जिले में कुल 11 लाख पौधे (11 Lakh Plants) लगाए गए। आदिवासी क्षेत्रों में विशेष रूप से तालाब और डबरियां बनाई गईं ताकि जल स्तर में सुधार हो।
यह भी पढ़ें: CG News: आबकारी सचिव आर शंगीता चार महीने की छुट्टी पर, IAS मुकेश बंसल को मिला अतिरिक्त प्रभार