FIR Against Apollo Hospital: बिलासपुर (Bilaspur) के अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital) में वर्ष 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल (Rajendra Prasad Shukla) का ऑपरेशन फर्जी डॉक्टर ने किया था।
डॉक्टर का नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम (Narendra Vikramaditya Yadav alias Narendra John Kem) है, जो खुद को कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) बताकर अस्पताल में कार्यरत था। ऑपरेशन के 20 दिन बाद शुक्ल की मौत हो गई थी।
शिकायत के बाद दर्ज हुई एफआईआर, सामने आए कई झूठ
स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के बेटे प्रदीप शुक्ल (Pradeep Shukla) ने सरकंडा थाने (Sarkanda Police Station) में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद आरोपी डॉक्टर के खिलाफ IPC की धाराएं 420 (धोखाधड़ी – Fraud), 465, 466, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज), 304 (गैरइरादतन हत्या – Negligent Homicide), और 34 (सामूहिक साजिश – Common Intention) के तहत केस दर्ज किया गया है। जांच में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर के नाम, जन्मतिथि और पिता के नाम तक अलग-अलग रिकॉर्ड में अलग-अलग हैं।
मध्यप्रदेश से हो चुकी है गिरफ्तारी, अब प्रबंधन की भूमिका की जांच
डॉ. नरेंद्र की गिरफ्तारी पहले ही मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh) जिले से की जा चुकी है। अब पुलिस की नजर अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर है, क्योंकि बिना दस्तावेजों का सही सत्यापन (Verification) किए अस्पताल ने डॉक्टर को नियुक्त किया और मरीज की जान जोखिम में डाल दी।
प्रबंधन पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने फर्जी डॉक्टर को इलाज करने का मौका दिया, जिससे घोर लापरवाही हुई और एक वरिष्ठ राजनेता की जान चली गई।
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि अपोलो प्रबंधन ने किन नियमों का उल्लंघन किया और किस स्तर पर लापरवाही हुई।
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