Bilaspur GGU Namaz Controversy: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas University) एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार कारण बना है विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) शिविर के दौरान कुछ छात्रों द्वारा नमाज़ पढ़े जाने की घटना, जिसने परिसर में धार्मिक गतिविधियों को लेकर बहस छेड़ दी है।
स्थानीय छात्रों और लोगों से मिली जानकारी

यह मामला तब उजागर हुआ जब कैंप में शामिल कुछ छात्रों और स्थानीय निवासियों ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। इसके बाद यह मामला तेजी से फैल गया और प्रशासनिक स्तर पर हलचल मच गई।
प्रशासन ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए GGU प्रबंधन ने तत्काल एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (Fact-Finding Committee) गठित की है। इस कमेटी को 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। चूंकि शनिवार और रविवार को विश्वविद्यालय बंद रहता है, इसलिए रिपोर्ट सोमवार तक आने की उम्मीद जताई जा रही है।
पुलिस ने भी शुरू की जांच, छात्रों से नहीं हो पाई पूछताछ
बिलासपुर पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। सिटी कोतवाली सीएसपी अक्षय प्रमोद साबद्रा के नेतृत्व में टीम ने एनएसएस शिविर में मौजूद प्रोग्राम ऑफिसर्स से पूछताछ की है। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि छात्रों से भी पूछताछ की जानी है, लेकिन विश्वविद्यालय में अवकाश के कारण अब तक उनसे बातचीत नहीं हो सकी है।
रिपोर्ट सोमवार तक आने की संभावना
प्रशासन और पुलिस द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट सोमवार तक आने की संभावना है। इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि कहीं नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ, और यदि हुआ तो संबंधित लोगों पर क्या कार्रवाई होगी।
इस घटना को लेकर सामाजिक और राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है। कुछ संगठन इसे धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Freedom) का विषय मान रहे हैं, तो कुछ इसे शैक्षणिक परिसर में अनुशासन और धर्मनिरपेक्षता के उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं।
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