Badesetti Naxal-Free Village Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बडेसेट्टी गांव में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कभी नक्सल प्रभावित रहा यह इलाका अब माओवादी मुक्त घोषित कर दिया गया है। गांव के 11 युवाओं ने माओवादियों का साथ छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया है। अब यह गांव 1 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के लिए पात्र हो गया है।
अमित शाह की योजना का दिखा असर
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दंतेवाड़ा दौरे पर एलान किया था कि जो गांव खुद को नक्सल मुक्त घोषित करेगा, उसे केंद्र सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बडेसेट्टी गांव इस योजना का पहला लाभार्थी बन गया है।
कहां है बडेसेट्टी?
बडेसेट्टी गांव सुकमा जिला मुख्यालय से 35 किमी और रायपुर से करीब 430 किमी दूर है। ओडिशा की सीमा भी यहां से केवल 20 मिनट की दूरी पर है।
पुलिस और प्रशासन की रणनीति सफल
सुकमा के एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि पिछले 15 दिनों से पुलिस और प्रशासनिक अफसर गांव के प्रतिनिधियों के संपर्क में थे। माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए लगातार समझाइश दी जा रही थी, जिसका असर अब साफ नजर आ रहा है।
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क्या बोले आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी?
एसपी चव्हाण ने बताया कि एक ही दिन में कुल 33 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 11 लोग बडेसेट्टी गांव के थे, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं। इन लोगों का कहना है कि वे माओवादियों की खोखली विचारधारा और जंगलों में असुरक्षित जीवन से तंग आ चुके थे। अब वे सरकार की पुनर्वास नीति के तहत एक सामान्य और सुरक्षित जीवन जीना चाहते हैं।
अब क्या होगा गांव में?
गांव के नक्सल मुक्त घोषित होते ही यह 1 करोड़ की विकास राशि के लिए योग्य हो गया है। इसमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
बडेसेट्टी जैसे और भी गांव अगर इसी राह पर चलते हैं, तो बस्तर और आसपास के इलाके जल्द ही शांति और विकास की ओर बढ़ सकते हैं।
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