Dhirendra Shastri Ratlam Visit: मध्य प्रदेश के रतलाम में बुधवार को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का अलग अंदाज देखने को मिला। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागेश्वर बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। वहीं बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भीड़ में खड़ी एक छोटी बच्ची को देखकर हृदय पिघल गया और उन्होंने बच्ची को इशारा कर अपने पास बुलाया।
उन्होंने बच्ची का नाम पूछा और अपने लाल झोले से ₹500 की नोट निकालकर बच्ची को दी और सिर पर हाथ फेरते हुए आशीर्वाद भी दिया। हालांकि इसका खुलासा नहीं हुआ है कि बागेश्वर बाबा ने भीड़ में खड़ी एक बच्ची को 500 रुपये का नोट क्यों दिया।
“आज पूरी दुनिया की दौलत मिल गई”

बच्ची के साथ मौजूद उसकी दादी प्रतिभा बैरागी ने बताया कि उनकी पोती ने सुबह ही निश्चय किया था कि आज गुरुदेव के दर्शन जरूर होंगे। जब बाबा ने उसे बुलाया और ₹500 दिए, तो यह पल उनके लिए अविस्मरणीय हो गया। दादी ने भावुक होते हुए कहा, “आज हमें पूरी दुनिया की दौलत मिल गई।”
हालांकि शास्त्री जी के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ के बीच कुछ महिलाओं को धक्का-मुक्की का सामना भी करना पड़ा और वे गिर गईं, हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई। लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही और कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
हिंदू राष्ट्र की मांग और छुआछूत मिटाने के लिए नवंबर में पदयात्रा

रतलाम आगमन के दौरान बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प दोहराया। उन्होंने मंच से घोषणा की कि नवंबर में वे हिंदू राष्ट्र की मांग और देश से छुआछूत मिटाने के लिए पैदल यात्रा निकालेंगे। उन्होंने समाज को जोड़ने और एकता का संदेश दिया।
“जो कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, वो भी हिंदू ही हैं”- धीरेंद्र शास्त्री
देश में हो रहे जुलूसों पर पथराव को लेकर बाबा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह हिंदुओं को डराने की साजिश है। उन्होंने कहा, “हिंदू कभी नहीं डरेगा और न ही झुकेगा। इस देश में रहने वाला हर व्यक्ति मूलतः हिंदू है, चाहे वह मुस्लिम हो या कोई और, जो कन्वर्टेड हैं, वो भी हमारे ही हैं।”
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जैन संतों पर हमला निंदनीय
नीमच में जैन संतों पर हुए हमले पर भी शास्त्री जी ने दुख व्यक्त किया और सरकार से संतों को सुरक्षा देने की मांग की। उन्होंने कहा, “यदि पत्थर फेंकना ही है, तो देश के दुश्मनों पर फेंको, संतों पर नहीं।”
चार्टर फ्लाइट से पहुंचे थे रतलाम
धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) बीकानेर के नौखा से चार्टर प्लेन से बंजली हवाई पट्टी, रतलाम पहुंचे। यहां से वे एक निजी कार्यक्रम में शामिल होकर बंजली चौराहा आयोजन स्थल पहुंचे, जहां उन्होंने दिव्य आशीर्वचन दिए और लोगों को धर्म, सेवा और राष्ट्र प्रेम का मार्ग दिखाया।
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