CG Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) और महाराष्ट्र (Maharashtra) की सीमा से लगे मोहला-मानपुर जिला (Mohla-Manpur District) में नक्सल गतिविधियों का बड़ा चेहरा रहे नक्सल डिप्टी कमांडर (Naxal Deputy Commander)रूपेश उर्फ सुखदेव मंडावी (Rupesh alias Sukhdev Mandavi) ने आखिरकार हथियार डाल दिए।
रूपेश ने जिला मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह (SP Yashpal Singh) और केंद्रीय अर्धसैनिक बल आईटीबीपी (ITBP) के अफसरों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया।
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रूपेश पर 5 लाख का था इनाम
34 वर्षीय रूपेश मंडावी मानपुर ब्लॉक के मुंजाल गांव (Munjal Village, Manpur Block) का निवासी है और उस पर 5 लाख का इनाम घोषित था। वर्ष 2012 में नक्सल संगठन में शामिल हुए रूपेश ने बीते 12 वर्षों में कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम दिया।
वह आरकेबी डिविजन (RKB Division) और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (Dandakaranya Special Zonal Committee) के टॉप लीडर विजय रेड्डी (Vijay Reddy) का करीबी साथी माना जाता है।
नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ने जैसा रूपेश का आत्मसमर्पण
पुलिस के मुताबिक, रूपेश का आत्मसमर्पण नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ने जैसा है, क्योंकि वह लंबे समय से राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर, मोहला-मानपुर, अबूझमाड़ और बस्तर में सक्रिय था। पुलिस को उससे कई महत्वपूर्ण रणनीतिक जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
आत्मसमर्पण के बाद रूपेश को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति (Surrender and Rehabilitation Policy) के तहत नकद राशि प्रदान की गई। मीडिया से बात करते हुए रूपेश ने नक्सल जीवन को त्यागने का कारण सरकार की पुनर्वास योजना को बताया और अपने पुराने साथियों से भी मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
एसपी यशपाल सिंह ने बताया कि जिले में चलाए जा रहे पुनर्वास अभियान और पुलिस-आईटीबीपी की रणनीतिक मौजूदगी के कारण अब नक्सल कैडर लगातार कमजोर हो रहा है। रूपेश का आत्मसमर्पण इसी दिशा में एक बड़ी कामयाबी है।