हाइलाइट्स
- मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को किया माफ।
- 41 दिन बाद आकाश आनंद की बसपा में वापसी।
- 3 मार्च को आकाश को दिखाया था बाहर के रास्ता।
Mayawati Nephew Aakash Anand BSP: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने रविवार 13 अप्रैल को अपने भतीजे आकाश आनंद को माफ कर दिया और उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया। आकाश को 3 मार्च को बसपा से बाहर कर दिया गया था। 41 दिन बाद उनकी वापसी हुई है, लेकिन फिलहाल उन्हें कोई पद नहीं दिया गया है।
सार्वजनिक माफी के बाद मिली पार्टी में वापसी
आकाश आनंद ने रविवार 13 अप्रैल को मायावती से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि अब वे कोई भी गलती नहीं करेंगे और पार्टी के हित में काम करेंगे। माफी मांगने के कुछ ही घंटों बाद मायावती ने उन्हें बसपा में दोबारा शामिल करने की घोषणा कर दी।
मायावती ने साफ किया अपना रुख
मायावती ने कहा कि जब तक वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। किसी को भी पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी माफ नहीं करेगी। उन्होंने उन पर गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए।
मायावती का बयान
“आकाश आनंद ने अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी है। उन्होंने यह संकल्प लिया है कि आगे से वह किसी भी गलत सलाह या प्रभाव में नहीं आएंगे।”
“अब वे अपने ससुराल वालों को भी पार्टी के काम में हस्तक्षेप नहीं करने देंगे।”
“उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां माफ करने लायक नहीं हैं, इसलिए उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा।”
“मैं जब तक स्वस्थ हूं, तब तक पार्टी का नेतृत्व करूंगी। किसी को उत्तराधिकारी बनाने का कोई सवाल नहीं उठता।”
राजनीति के जानकार क्या कहते हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आकाश की वापसी पहले से तय मानी जा रही थी। पार्टी से निकाले जाने के बाद आकाश ने चुप्पी साध ली थी लेकिन लगातार मायावती की पोस्ट शेयर करके समर्थन जताते रहे।
उनका माफीनामा भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसे बसपा के कार्यकर्ताओं ने साझा किया। इससे यह साफ हो गया कि दोनों के बीच सब कुछ पहले से तय था।
आकाश की वापसी की 4 बड़ी वजहें
दलित युवाओं को जोड़ने की रणनीति: मायावती आकाश के जरिए दलित युवाओं को पार्टी से जोड़ना चाहती हैं।
चंद्रशेखर की चुनौती: आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर से मिल रही चुनौती को देखते हुए यह कदम अहम है।
सपा और कांग्रेस की सक्रियता: सपा के रामजी लाल सुमन और कांग्रेस द्वारा दलितों के लिए उठाए गए कदमों से मायावती दबाव में थीं।
ससुर और आकाश की चुप्पी: पार्टी से निकाले जाने के बाद आकाश और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ने कोई ऐसा बयान नहीं दिया, जिससे मायावती को असहजता महसूस हो।
आकाश आनंद का वादा
आकाश आनंद ने कहा, “बहनजी मेरी राजनीतिक गुरु और आदर्श हैं। अब मैं उनके मार्गदर्शन में ही काम करूंगा। अपने ससुराल पक्ष या रिश्तेदारों की बातों में नहीं आऊंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठों का सम्मान करेंगे और उनके अनुभव से सीख लेंगे।
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